लोकसभा के हो रहे चुनाव मंे चार जून को परिणाम आने के बाद सरकार कौन बनाएगा, भाजपा चार सौ पार का नारा सार्थक कर पाएगी या विपक्ष की बात को मिलेगा बल जो भी हो वो एक अलग बात है लेकिन अपने कार्यकाल में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त कर जो वहां के सभी नागरिकों में एक विश्वास की भावना लोकतंत्र के प्रति जागृत की है वो अपने आप में बड़ी बात है। सबसे अच्छी बात यह है कि जहां 2019 में 14.43 प्रतिशत की वोटिंग हुई थी वहां अब 37.82 प्रतिशत मतदान हुआ और 1996 के चुनाव के बाद जो रिकॉर्ड मतदान का बना उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि आतंकवाद का दौर समाप्त हो रहा है और यहां लोकतंत्र की बहाली हो रही है। चुनाव में वोट डालने के बाद यहां के बड़े नेताओं के चेहरे पर जो खुशी और उत्साह नजर आया और जिस उमंग से इन नेताओं ने अपनी अंगुली पर लगा निशान दिखाया उससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में ढाई गुना वोटिंग ही नहीं हुई नागरिकों में खुशी भी विराजमान है। मैं कोई किसी का समर्थक तो नहीं हूं लेकिन जम्मू कश्मीर में जो मतदान प्रतिशत बढ़ा इससे यहां के उन पंडित परिवारों को लाभ मिलेगा जो आंतकी घटनाओं के कारण अपना घर छोड़कर यहां से जा चुके हैं। लेेकिन मैं समझता हूं कि सरकार किसी की बने वो इन पंडितों को लाकर बसाने का प्रयास करेगी। इससे जहां लोकतंत्र की बहाली होगी वहीं जो पंडित परिवार अपने संपत्ति यहां छोड़ गए वो भी उन्हें प्राप्त होगी यह बात विश्वास से कही जा सकती है। यहां के नागरिकों की जो लोकतंत्र बहाली की मांग साकार हुई है। कुल मिलाकर जम्मू कश्मीर की इस उपलब्धि के लिए पीएम मोदी को मुझे लगता है कि सभी जनप्रतिनिधियों को वैचारिक मतभेद छोड़कर बधाई देनी चाहिए क्योंकि इस लोकतंत्र बहाली का लाभ सबको होगा यह बात विश्वास से कही जा सकती है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
जम्मू कश्मीर में मतदान प्रतिशत बढ़़ना लोकतंत्र बहाली का है प्रतीक, पीएम मोदी को सब दें ध्यान
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