लखनऊ 06 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को सिख पंथ के संस्थापक एवं प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 556वें प्रकाश पर्व पर डीएवी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने सिख गुरुओं के सम्मान में अपना शीश नवाया और दर्शन किए। समारोह में कमेटी की ओर से मुख्यमंत्री का स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब, तराई क्षेत्र से सिख समाज के धर्मांतरण की खबरें आ रही हैं। यह चिंता का विषय है। हमें इस प्रकार की प्रवृत्ति को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि विधर्मी तभी इस प्रकार का प्रयास करते हैं जब हम उन्हें अवसर प्रदान करते हैं। आज लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, रामपुर, साझांपुर, उधम सिंह नगर से धर्मांतरण की सूचनाएं मिल रही हैं। सिख समाज और दूसरे लोग वहां जाएं, सबको जोड़े और जहां भी खामी हो उसे दूर करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी एक उच्च कोटि के आध्यात्मिक महापुरुष थे, जिन्होंने 500 वर्ष पहले समाज के संगठन, समानता का जो संदेश दिया, वही आज सामाजिक व्यवस्था की नींव है। सीएम योगी ने कहा कि उस काल में जब देश बाबर जैसे विदेशी आक्रांताओं की बर्बरता झेल रहा था, जब मंदिर तोड़े जा रहे थे, तब भी गुरु नानक देव जी बिना भय, दबाव, किसी की चिंता किए बगैर समाज को मार्गदर्शन दे रहे थे। उन्होंने मिल-बांटकर खाने, गरीबों की मदद करने और एकजुट समाज बनाने का संदेश दिया। यही भारत की संत परंपरा की शक्ति थी।
मुख्यमंत्री ने कहा गुरु जब पैदल यात्रा के दौरान काबा पहुंचे तो मौलवी ने कहा कि काबे की तरफ पैर करके मत लेटो है, क्योंकि उधर हमारे भगवान हैं तो गुरु ने कहा तुम उधर बता दो जहां भगवान न हो। मौलवी ने गुरु का पैर दूसरी तरफ कर दिया मौलवी को वहां भी भगवान नजर आने लगे। ऐसा होना यह दर्शाता है कि उनके अंदर कितनी बड़ी आध्यात्मिक थी।

