लखनऊ, 08 अक्टूबर। बिजनौर थाना पुलिस ने मंगलवार को बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) क्लर्क परीक्षा 2025 में सॉल्वरों को बिठाने वाले गिरोह के सरगना आनंद कुमार और उसके आठ साथियों को बिजनौर तहसील के पास किसान पथ अंडर पास से दबोचा गया। आनंद संभल के खबूपुरा स्थित यूपी ग्रामीण बैंक में असिस्टेंट मैनेजर था। वह पांच लाख रुपये लेकर परीक्षा में ईपीएफओ, ग्रामीण बैंक, यूको बैंक परीक्षा में बीटेक, बीएड छात्र बिठाता था।
पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल के मुताबिक गिरोह का सरगना आनंद मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जनपद में काको इलाके के भरथुआ गांव का है। प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा से लेकर नौकरी लगवाने तक का पांच लाख रुपये में सौदा करता था। 20 हजार रुपये एडवांस लेता था। रविवार को गिरोह के सदस्य अभिषेक को पुलिस ने केंद्र से पकड़ा था। पूछताछ में पूरे गिरोह का पता चला। अपर पुलिस उपायुक्त आरपी बसंत कुमार के निर्देशन में बिजनौर थाना, क्राइम और सर्विलांस टीम को लगाया गया।
गैंग के गिरफ्तार आराेपियों में अधिकांश बिहार से
सुधांशु कुमार ग्राम कछियाना, थाना हमहरा, लखीसराय बिहार (यूको बैंक में स्केल-1 आफिसर)। भागीरथ शर्मा उर्फ चंदन निवासी गया (क्लर्क यूपी ग्रामीण बैंक, मुरादाबाद। गौरव आदित्य निवासी पटना, (अभ्यर्थी) हर्ष जोशी चम्पावत, उत्तराखंड (बीएससी छात्र), धनन्जय निवासी जहानाबाद (बीएड छात्र), राजीव नयन जहानाबाद (बीटेक छात्र), मुकेश निवासी गोपालगंज, (ईपीएफओ क्लर्क), आशीष रंजन नालन्दा (बीएससी छात्र), अभिषेक निवासी गया, बिहार।
डीसीपी ने बताया कि गैंग का मुख्य सरंगना आनन्द कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह प्रति कंडीडेट 2 लाख रुपये लेता था. फर्जी अभ्यर्थी को प्रारम्भिक परीक्षा में बैठने के 20 हजार और मुख्य परीक्षा में बैठने के 1 लाख रुपये तथा नौकरी लगने के बाद 2 लाख रुपये कुल 5 लाख 20 हजार रुपये वसूल किये जाते थे.
डीसीपी ने बताया कि आनन्द कुमार असली अभ्यर्थियों के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थियों को बैठाने की व्यवस्था करता था. रोहित असली अभ्यार्थियों को आनन्द कुमार के पास लेकर आता था. आरोपी परीक्षार्थियों का फॉर्म भरते समय फर्जी अभ्यर्थी एवं वास्तविक अभ्यर्थी के फोटो को फेस मिक्सिंग ऐप और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके दो चेहरों को 70 प्रतिशत एक जैसा बनाते हैं. जिससे फर्जी अभ्यार्थी/सॉल्वर परीक्षा केन्द्र पर पकड़े न जाएं.