हाथरस 07 अक्टूबर। हाथरस में सोमवार को बंदरों के डर से 2 साल की मासूम छत से गिर गई। मासूम अपनी जुड़वा बहन के साथ खुली छत पर खेल रही थी। तभी बंदरों का झुंड आया और बच्ची के बाल नोचने लगा। बंदरों से बचने के लिए मासूम छत के किनारे आ गई। तभी उन्होंने झपट्टा मारा तो वह अचानक छत से नीचे गिर गई। बेटी की चीख सुनकर पिता दुकान के बाहर निकले।
वह उनके ठीक पीछे गिरी और बेहोश हो गई। पिता ने तुरंत उसे गोद में उठाया और अस्पताल लेकर भागे। यहां उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बच्ची का वहां इलाज चल रहा है। 10 घंटे से उसे होश नहीं आया है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक होश नहीं आता, कुछ भी कहना मुश्किल है। घटना के समय मां ने एक बेटी को बचा लिया था। मामला सोमवार सुबह 9 बजे का सासनी के चामड़ मोहल्ले का है। चामड़ मोहल्ले में विकास शर्मा (35) का घर है। घर में पत्नी दिव्या (32) और जुड़वा बेटियां साम्या (2) और राम्या (2) हैं। सोमवार की सुबह करीब 9 बजे दोनों बेटियां छत पर खेल रही थीं। तभी वहां बंदरों का झुंड आ पहुंचा।
बंदरों को देखकर बच्चियां चीखकर रोने लगीं। बच्चियों की आवाज सुनते ही मां दौड़कर छत पर पहुंची। उसने जल्दी से बंदरों को भगाने की कोशिश की। एक बेटी को गोद में उठा लिया। तभी बंदर दूसरी बेटी के बाल नोचने लगे। बंदरों से बचने के लिए वह छत के एकदम किनारे आ गई। तभी एक बंदर ने झपट्टा मारा और वह नीचे गिर गई।
पिता विकास ने कहा- घर में ही मेरी दुकान है। सुबह मैं दुकान में था। बच्ची रोने लगी तो मैं दुकान से दौड़कर बाहर आया और छत पर देखने लगा। तभी बेटी मेरे ठीक पीछे छत से सीधे सड़क पर आकर गिरी। मैंने उसे तुरंत गोद में उठाया। लेकिन वह बेसुध हो चुकी थी।
तभी मेरी पत्नी भी आ गई। उसने बेटी को गोद में लेकर सिर सहलाते हुए उसे होश में लाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं उठी। हम उसे तुरंत एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। हालत गंभीर होने की वजह से उसे तुरंत अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। यहां 10 घंटे से बच्ची बेहोश है। उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।