दार्जिलिंग 06 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शनिवार रात हुई लगातार भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई। अत्यधिक बारिश से सात से अधिक जगहों पर भूस्खलन हुए जिससे 20 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में कई बच्चे भी शामिल हैं, जबकि 10 से अधिक लोग घायल हैं। कई लापता भी हैं। भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। इससे सिक्किम समेत कई दूरदराज के गांवों का संपर्क टूट गया। बचाव और राहत अभियान जारी है।
एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, कई स्थानों सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है। भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी उफान पर है। तीस्ता बाजार के पास बलुखोला में पानी भर जाने से सिलिगुड़ी को सिक्किम और कालिम्पोंग से जोड़ने वाला हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है। दार्जिलिंग शहर का भी कई हिस्सों से संपर्क टूट गया है। नागराकाटा के धार गांव में मलबे से कम से कम 40 लोगों को बचाया गया, जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ध्वस्त हो गए।
एनडीआरएफ के मुताबिक, मिरिक सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है, जहां 11 लोगों की मौत हुई। मिरिक में एक लोहे का पुल भी टूट गया है। इससे मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। एनडीआरएफ ने यह भी कहा कि मिरिक का एक गांव वर्तमान में बाढ़ और सड़क अवरोधों के कारण जलमग्न है। एनडीआरएफ के अनुसार, दार्जिलिंग जिले और उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क गंभीर रूप से बाधित है और सिलीगुड़ी को मिरिक-दार्जिलिंग मार्ग से जोड़ने वाला एक लोहे का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे इस क्षेत्र तक पहुंच बाधित हो गई है। उत्तरी बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने कहा, अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। स्थिति चिंताजनक है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की, आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकारी मुआवजा और उनके एक सदस्य को रोजगार मिलेगा। लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया और कहा कि वह छह अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और क्षेत्र की स्थिति का आकलन करेंगी, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने मरने वालों का कोई आंकड़ा नहीं दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।