प्रयागराज, 13 सितंबर। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे एक लड़के ने लड़की बनने के लिए पहले यूट्यूब व गूगल पर जानकारी जुटाई और फिर खुद ही सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया। लड़के को नाजुक हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां वह खतरे से बाहर है। जानकारी पर पहुंचे परिजन भी इस वाकये से सन्न हैं।
शहर के सिविल लाइंस में किराए का कमरा लेकर रहने वाले प्रतियोगी छात्र ने इस घटना को शुक्रवार को अंजाम दिया। वह अमेठी के किसान परिवार का इकलौता बेटा है। अस्पताल में उसने बताया,‘ 14 साल की उम्र में जब स्कूल में पढ़ाई के दौरान लड़कियों के संग डांस कर रहा था, तब अहसास हुआ कि वो लड़का जरूर है, लेकिन बाकी लड़कों की तरह नहीं है। उसके मन में लड़की बनने की चाहत बढ़ती गई। प्रयागराज में रहते हुए उसे यूट्यूब और गूगल पर सर्च किया कि शारीरिक रूप से कैसे लड़की बना जाए।’छात्र का कहना था कि कटरा के एक निजी डॉक्टर की सलाह पर उसने यह कदम उठाया है। डॉक्टर ने ही उसने एनेस्थीसिया (सुन्न करना) का इंजेक्शन, सीजर, चिमटी, रूई आदि दिया था। कमरे में इंजेक्शन लगाने के बाद सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया। इसके बाद खुद ही मरहम पट्टी भी की। कुछ घंटे बाद इंजेक्शन का असर कम होते ही दर्द होने लगा। चीख सुनकर मकान मालिक आए और एंबुलेंस बुलाई।
लड़की बनने के लिए पहले निजी अंग काटना होगा’
अक्सर वह गूगल और यू-ट्यूब पर लड़का से लड़की बनने की जानकारी लेता था। इसी दौरान वह प्रयागराज में कटरा के एक निजी चिकित्सक से मिला और इस संबंध में जानकारी ली। उसने बताया कि मैं लड़की की तरह फील करता हूं पर शरीर से लड़का हूं। उसने चिकित्सक से लड़की बनने की इच्छा जाहिर की। इस पर डॉक्टर ने कहा कि तुम्हें इसके लिए सबसे पहले अपना निजी अंग काटना होगा। उन्होंने पूरा तरीका भी समझाया कि घर पर ही ये सब कैसे कर सकते हैं।
पीड़ित बोला – मुझे लड़कियों में इंट्रेस्ट नहीं
अस्पताल पहुंचे पीड़ित छात्र ने चिकित्सकों की पूछताछ में बताया कि मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट ही नहीं है। मुझे लगता है कि मेरी आवाज भी लड़कियों जैसी ही है। चलने का स्टाइल भी उनके जैसा है, इसलिए मैं जेंडर चेंज करना चाहता था, इस कारण यह सब किया। मुझे पता नहीं था कि इसमें मेरी जान जा सकती थी, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
मां बोली- बेटे को बनाना चाहती थी आईएएस
बेटे को लेकर बड़े सपने हैं। इस कारण उसे यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रयागराज भेजा था। पता नहीं था कि उसके भीतर क्या चल रहा है। उसने इस संबंध में कभी कुछ बताया ही नहीं। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि अब क्या करूं। अब ईश्वर से प्रार्थना है कि किसी तरह से मेरा बेटा पूरी तरह से ठीक हो जाए।
पीड़ित को अब हुआ गलती का एहसास
लड़की बनने की चाहत में छात्र ने अपना निजी अंग खुद से काट लिया। अब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ है। पीड़ित और परिजनों की सहमति के बाद उसे प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर किया गया है। – डॉ. संतोष सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसआरएन अस्पताल।
सामान्य स्थिति में लाने का कर रहे प्रयास
कोशिश किया जा रहा है कि लड़के को वापस पहले की तरह सामान्य स्थिति में लाया जा सके। फिलहाल केस को पूरी तरह से समझने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। -डॉ. मोहित जैन, विभागाध्यक्ष, प्लास्टिक सर्जरी विभाग, एसआरएन अस्पताल।