asd पति यौन इच्छा अपनी पत्नी से व्यक्त नहीं करेगा तो कहां जाएगा: इलाहाबाद हाई कोर्ट

पति यौन इच्छा अपनी पत्नी से व्यक्त नहीं करेगा तो कहां जाएगा: इलाहाबाद हाई कोर्ट

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प्रयागराज 12 अक्टूबर। इलाहाबाद हाई कोर्ट में दहेज को लेकर एक मामला सामने आया है. जहां कोर्ट ने पूरी दलील सुनने के बाद दहेज के आरोप को खारिज कर दिया. कोर्ट ने व्यक्ति के खिलाफ दहेज के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप निराधार हैं और यह आरोप कपल के बीच चल रहे व्यक्तिगत विवादों के चलते लगाए गए हैं.

इस केस में महिला ने अपने पति और सास-सुसर पर आरोप लगाए कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता है और पति का परिवार उससे दहेज की मांग करता है. इस मामले को लेकर कोर्ट ने सुनवाई की और 3 अक्टूबर को अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने दहेज की मांग को खारिज किया. कपल के बीच यौन संबंधों को लेकर विवाद है, जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, पति यौन इच्छा पत्नी से व्यक्त नहीं करेगा तो कहां जाएगा.

जज अनीश कुमार गुप्ता ने पति प्रांजल शर्मा और सास-सुसर के खिलाफ इस मामले को खारिज करते हुए कहा कि सामने आए सबूतों और गवाहों के बयान, दहेज के लिए उत्पीड़न के दावों का समर्थन नहीं करते हैं. कोर्ट ने कहा, कपल के बीच यौन संबंध से जुड़ी असहमतियों के चलते विवाद है.
अदालत ने कहा, यह साफ है कि दोनों पक्षों के बीच सामने आया यह विवाद यौन संबंधों के चलते है. इसी वजह से एक पक्ष ने दूसरे पर दहेज को लेकर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाए.

पूरा मामला
मीशा शुक्ला नाम की महिला का विवाह प्रांजल शुक्ला के साथ हिंदू रीति रिवाज से सात दिसंबर, 2015 को हुआ था. इसी के बाद दोनों के बीच में यौन संबंध को लेकर विवाद होने लगा. दोनों के बीच विवाद होने के बाद पत्नी मीशा ने अपने पति और सास-ससुर मधु शर्मा और पुण्य शील शर्मा पर दहेज मांगने का आरोप लगाया. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि शादी से पहले दहेज की कोई मांग नहीं की गई थी. एफआईआर में यह भी बताया गया है कि पति प्रांजल शराब पीता है और अश्लील फिल्में देखता है. साथ ही कहा गया कि पति अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने पर जोर देता है.

अदालत ने पाया कि प्राथमिक आरोप, दंपति के यौन संबंध से जुड़ी असहमतियों के आसपास केंद्रित हैं और ये विवाद दहेज की मांग से जुड़े नहीं हैं. अदालत ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पक्षों के बीच यह विवाद यौन संबंध स्थापित नहीं होने को लेकर है जिसकी वजह से विपक्षी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई और दहेज की मांग को लेकर झूठे एवं मनगढ़ंत आरोप लगाए गए.’
अदालत ने प्रश्न किया, ‘नैतिक रूप से सभ्य समाज में व्यक्ति यौन इच्छा अपनी पत्नी से या पत्नी अपनी यौन इच्छा पति से व्यक्त नहीं करेगी तो वे कहां जाएंगे.’

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