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    Home»देश»इलाहाबाद हाईकोर्ट में 12 लाख केस पेंडिंग, न्यायिक रिक्तियों की याचिका की सुनवाई अब नई खंडपीठ करेगी
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    इलाहाबाद हाईकोर्ट में 12 लाख केस पेंडिंग, न्यायिक रिक्तियों की याचिका की सुनवाई अब नई खंडपीठ करेगी

    adminBy adminDecember 6, 2025No Comments14 Views
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    प्रयागराज 06 दिसंबर। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों के रिक्त पदों और लगातार बढ़ते लंबित मामलों पर दाखिल जनहित याचिका अब न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई होगी. न्यायमूर्ति वीके बिड़ला के रिटायर होने के कारण मामले की सुनवाई के लिए नई खंडपीठ नामित की गई है.

    याचिका में अधिवक्ता शाश्वत आनंद के अनुसार गत पांच दिसम्बर तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में 12,05,550 मामले लंबित हैं. लंबित मामलों की उम्र दिखाती है कि न्यायिक ढांचा लगभग जाम हो चुका है क्योंकि इनमें 4,44,456 मामले ऐसे हैं जो 10 साल से अधिक समय से लंबित हैं. जबकि 2,53,82 मामले पांच से 10 वर्ष से लटके पड़े हैं. यानी लगभग सात लाख मामले पांच साल से भी अधिक समय से अटके हुए हैं.

    एडवोकेट शाश्वत आनंद के अनुसार यह स्थिति सीधे-सीधे प्रणालीगत विफलता की ओर इशारा करती है. उनका कहना है कि हाल ही में कुछ नियुक्तियां हुई हैं लेकिन केवल 110 न्यायाधीश कार्यरत हैं. यह संख्या 160 की स्वीकृत संख्या से 50 कम है. याचिका में तर्क दिया गया है कि उत्तर प्रदेश जैसी 24 करोड़ की आबादी वाले राज्य के लिए 160 जज भी अपर्याप्त हैं.

    याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफ़ए नक़वी और अधिवक्ता शाश्वत आनंद पहले ही तर्क दे चुके हैं कि 12 लाख मामलों का निपटारा 110 जज तो दूर, पूरे 160 जजों के साथ भी व्यवहारिक और गणितीय रूप से असंभव है. उनके अनुसार यदि सभी जजों के पद भर दिए जाएं तब भी मौजूदा बैकलॉग को खत्म करने में पांच से 10 वर्ष लगेंगे और यह भी तब, जब बीच में कोई नया केस दाख़िल न हो जो वास्तविकता में असंभव है.

    याचिका में कहा गया है कि न्यायपालिका की वर्तमान क्षमता संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत त्वरित और प्रभावी न्याय के मौलिक अधिकार को लगभग निष्प्रभावी बना रही है. लाखों लोग जिनके केस वर्षों या एक दशक से भी अधिक समय से लंबित हैं, उनके लिए न्याय एक मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि एक दूर का भ्रम बनकर रह गया है.

    ALLAHABAD HIGH COURT PENDING CASES PETITIONS FOR JUDICIAL VACANCIES tazza khabar tazza khabar in hindi uttar-pradesh news
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