आबूलेन पर मेडिकल कॉलेज की छात्रा और उसकी मां से की गई मारपीट पूरी तौर पर अमानवीय और महिला के सम्मान के विरूद्ध है। और वो भी इस परिस्थिति में जब प्रधानमंत्री के आहवान पर सरकार द्वारा यह घोषणा की जा चुकी है कि कोई भी व्यक्ति अगर उसे टॉयलेट जाना है तो वो किसी दुकान से लेकर सेवन स्टार होटल तक बिना रोक टोक जा सकता है। अगर कोई रोकता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इतना ही नहीं इस जरूरी व्यवस्था के लिए सभी पेट्रोल पंपों और हाईवों पर व्यवस्था अनिवार्य की गई है। ध्यान से सोचें तो मानवीय आधार पर अगर किसी को परेशानी है तो वो बच्चा हो या बड़ा वो कहीं भी आसपास बने किसी भवन में टॉयलेट जा सकता है। खबर से जैसा पता चलता है कि लाला लाजपत राय की मेडिकल कॉलेज की तृतीय वर्ष की छात्रा डॉ. इरा खटकड अपनी मां के साथ बाजार में खरीददारी कर रही थी। पहले तो आबूलेन जैसे बाजार में यह समस्या ही नहीं होनी चाहिए थी क्योंकि यहां कई बड़े होटल और व्यवसायिक संस्थान है जिनमें टॉयलेट की व्यवस्था होती है लेकिन अंधेरा होने के चलते किसी बिल्डिंग को होटल समझकर अपनी बच्ची के साथ वहां चली गई। वहां मौजूद दो लड़कों और लड़कियों ने उनके साथ व्यवहार किया वो सही नहीं था। लड़कों के द्वारा मेडिकल छात्रा का हाथ मरोड़ना और उसकी मां को पीटना किसी भी रूप में सही नहीं कह सकते। वैसे भी महिला पर हाथ उठाने का अधिकार किसी पुरूष को नहीं है। इसे ध्यान रखते हुए मेरा मानना है कि मातृशक्ति के सम्मान को ध्यान में रखते हुए दुनिया की आधी आबादी के साथ यह क्रूर व्यवहार सही नहीं था। खबर लिखे जाने तक पुलिस ने इस बारे में दोषी के खिलाफ क्या कार्रवाई की और दोषियों को अब तक गिरफ्तार कर जेल क्यों नहीं भेजा यह विषय सोचनीय तो है ही केंद्र व प्रदेश सरकार की महिलाओं को सम्मान देने और उनकी सुरक्षा के लिए बनाई नीतियों का भी उल्लंघन है। मुझे लगता है कि पुलिस के आलाधिकारियों को इस बारे में ध्यान देकर थाना पुलिस ने अगर लापरवाही की है तो इंस्पेक्टर के खिलाफ महिला सम्मान को नजरंदाज करने पर कार्रवाई की जाए। तथा उच्चाधिकारियों से आग्रह है कि केंद्र व प्रदेश सरकार की नीति के तहत सभी बाजारों में स्थित होटल व व्यापारिक संस्थानों के बाहर एक तख्ती लगवाई जाए जिस पर लिखा हो कि आवश्यकता पड़ने पर टॉयलेट का उपयोग कर सकते हैं। खासकर महिला व बच्चों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई ही जानी चाहिए क्योंकि पुरूष तो एक बार को कहीं भी निपट सकता है लेकिन महिलाएं ऐसा नहीं कर पाती इसलिए सभी जगह आसानी से टॉयलेट की सुविधा तो इनके लिए उपलब्ध होनी चाहिए चाहे हर बाजार में सरकारी बनाएं जाएं या जनसहयोग से।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
Trending
- गुजरात और कर्नाटक के स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार से अब देश के 25 करोड़ बच्चे भी हो सकते हैं लाभांवित, सरकार पूर्णता और शुद्धता के लिए बनाए निगरानी समिति, फर्जी स्कूलों पर ?
- आमदनी और टीआरपी बढ़ाने के लिए फिल्मी अदाकारा युवा पीढ़ी के बारे में भी सोचें
- पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार और उनकी हत्या तथा चर्म पर पहुंच रहे भीड तंत्र को रोका जाए चाहे कुछ भी करना पड़े, केरल में मजदूर रामनारायण की हत्या क्यों?
- डॉक्टरों ने डिलीवरी करते हुए पेट में छोड़ा आधा मीटर कपड़ा, CMO समेत 6 पर FIR
- गैंगस्टर विनय त्यागी की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत, हरिद्वार में बदमाशों ने मारी थी गोली
- सलमान खान ने फार्महाउस पर मनाया अपना 60वां जन्मदिन, सजी स्टार्स की महफिल
- 10 खापों की पंचायत ने 18 साल से कम उम्र के लड़कों के हाफ पैंट पहनने और स्मार्टफोन इस्तेमाल करने पर लगाया प्रतिबंध
- हाईवे पर 85 लाख की लूट में 6 बदमाश गिरफ्तार
