Date: 22/12/2024, Time:

26 साल का हुआ सर्च इंजन गूगल, भारत में ‘Google baba’ नाम से फेमस

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नई दिल्ली 27 सितंबर। सर्च इंजन गूगल आज यानी 27 सितंबर 2024 को 26 साल का हो गया है। इसकी शुरुआत 1998 में में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे दो छात्रों लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने मिलकर की थी। बता दें कि, गूगल किसी खास मौके पर गूगल डूडल बनाता है लेकिन आज अपने ही 26वें जन्मदिन के मौके पर गूगल के होमपेज पर कोई डूडल नजर नहीं आ रहा है।

दरअसल, सर्च इंजन गूगल मशहूर अमेरिकी टेक्नोक्रेट लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन के दिमाग की उपज थी. यह दोनों अमेरिका के स्टैंड फोर्ड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग में एक साथ काम करते थे. दोनों वर्ल्ड वाइड वेब को लोगों के लिए समान और आसान बनाने की कोशिश कर रहे थे. इसी क्रम में इन दोनों ने 7 सितंबर 1998 को गूगल आईएनसी की स्थापना की. दोनों ने गूगल डॉट स्टैनफोर्ड डॉट ईडीयू इंटरनेट पर सर्च इंजन तैयार किया. इसके बाद 7 सितंबर को गूगल का जन्मदिन मनाया जाने लगा.

गूगल का जन्मदिन बाद में 8 सितंबर और फिर 26 सितंबर को कर दिया गया. इसके कई सालों बाद कंपनी ने इसका जन्मदिन 27 सितंबर को ऑफिशियली मनाने की घोषणा की. इसके पीछे की वजह यह थी कि गूगल ने इसी दिन अपने सर्च इंजन पेज सर्च नंबर का नया रिकॉर्ड बनाया था. मतलब 1,2,3,4 आदि जैसे पेज हमें गूगल पेज के सबसे नीचे को देखने मिलते हैं, उसके इस्तेमाल का सबसे बड़ा रिकॉर्ड कंपनी ने इसी दिन बनाया था. इसी वजह से गूगल ने अपना जन्मदिन मनाने की ऑफिशियल तारीख को 27 सितंबर कर दी.

गूगल के सर्च इंजन से कहीं आगे यूट्यूब, जीमेल, गूगल मैप्स और एंड्रॉयड जैसे कई प्रोग्राम आते हैं. यह सारे अपने आप में इंडिविजुअल तौर पर काम करते हैं, जो गूगल को सर्च इंजन के अलावा दुनिया में बहुत बड़ा ट्रैफिक दिलाते हैं. यही वजह है कि गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक इस समय दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन जब अपने सर्च इंजन को बनाने की सोच रहे थे तो उन्होंने इसका नाम ‘बैकरब’ रखना तय किया था. दोनों इसी नाम को रखने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रहे थे.

इस वजह से ड्रॉप कर दिया था आइडिया
लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने यूनिवर्सिटी में आम सहमति न बन पाने की वजह से बैकरब नाम का आइडिया ड्रॉप कर दिया गया. फिर, इस सर्च इंजन का नाम ‘गूगॉल’ रखा जाना तय किया गया, जिसका अर्थ ‘टेन टू द पावर हंड्रेड’ होता है. जिसका मतलब किसी संख्या में दस के बाद निन्यानवे जीरो यानी कुल सौ जीरो. यह भारी भरकम (लगभग अनंत संख्या) को दिखाने का तात्पर्य इस सर्च इंजन की असीमित क्षमता को दिखाना था. आसान शब्दों में कहें तो यह यूज़र के रिक्वेस्ट के मुताबिक असीमित रिजल्ट दिखाने की गूगल की क्षमता को बताता था.

टाइपिंग मिस्टेक से पड़ा गूगल नाम
‘गूगॉल’ की नाम की स्पेलिंग में जी डबल ओ जी के बाद ओ एल आना था. लेकिन, डोमेन खरीदते समय एक टाइपिंग एरर की वजह से इसका नाम गूगल हो गया। इस तरह दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन का नाम गूगल पड़ा. इसके बाद गूगल अपने क्लीन यूजर इंटरफेस और बेहतरीन सर्च रिजल्ट की वजह से दुनिया में फेमस होता चला गया.

प्रमुख उत्पाद और सेवाएं
Gmail(2004): ईमेल संचार में क्रांति लाने वाला।
Google Maps(2005): नेविगेशन और स्थान-आधारित सेवाओं को पुनर्परिभाषित करना।
Android (2005 में अधिग्रहित): स्मार्टफोन का 72% से अधिक उपयोग करता है।
YouTube (2006 में अधिग्रहित): वीडियो साझाकरण का सबसे बड़ा प्लेटफार्म।
Google Chrome (2008): सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउजर।

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