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    Home»देश»प्रमुख नागरिकों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार! पारदर्शी वातावरण में काम करने में विश्वास रखने वाले प्रशांत कुमार की नियुक्ति से शिक्षा सेवा चयन आयोग के कार्यों में होगा सुधार
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    प्रमुख नागरिकों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार! पारदर्शी वातावरण में काम करने में विश्वास रखने वाले प्रशांत कुमार की नियुक्ति से शिक्षा सेवा चयन आयोग के कार्यों में होगा सुधार

    adminBy adminDecember 18, 2025No Comments9 Views
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    बिहार के सीवान जिले के रहने वाले १९९० बैच के रिटायर आईपीएस यूपी के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयेाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने बुधवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरजेश त्यागी द्वारा इस बारे में जारी किए गए आदेशों के बाद प्रशांत कुमार आयोग के दूसरे अध्यक्ष बन गए। जल्दी ही अपना कार्यभार ग्रहण कर वो इस विभाग में पारदर्शी और मेरिट के आधार पर भर्तियों का काम सुनिश्चित करना होगा। बताते चलें कि प्रदेश सरकार ने पांच सितंबर २०२४ को गोरखपुर विवि के प्रो कीर्ति पांडेय को इसका पहला अध्यक्ष नियुक्त किया था। जिन्होंने निजी कारणों से २२ सितंबर २०२५ को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। तब से अभी तक खाली इस पद पर वरिष्ठ आईपीएस सेवानिवृत प्रशांत कुमार की नियुक्ति से लंबित शिक्षक भर्ती के मामलों को आगे बढ़ाना और प्रदेश के बेसिक, माध्यमिक और उच्च व तकनीनी शिक्षण संस्थानों के साथ सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती कराना मुख्य उददेश्य होगा। अध्यक्ष होने के बाद यह सभी जिम्मेदारी प्रशांत कुमार के कंधों पर होगी और उन्हें पूर्ण कराना होगा। बताते चलें कि प्रशांत कुमार इसी वर्ष जून में डीजीपी के पद से सेवानिवृत हुए थे। उनका यह कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। सरकार चाहे तो बढ़ा भी सकती है। एक जानकारी के अनुसार प्रशांत कुमार को डीजीपी रहते हुए भी शायद एक विस्तार सरकार द्वारा दिया गया था।
    अपने कार्य को हमेशा प्राथमिकता से पूर्ण करने सहयोगी अधिकारियों को प्रोत्साहित करने और अपने कार्यक्षेत्रों में अपराधों पर अंकुश लगाने में सफल रहे प्रशांत कुमार एक हंसमुख मिलनसार सख्त मिजाज के अधिकारियों में गिने जाते हैं। उनकी प्राथमिकताओं में नागरिकों की समस्याओं का समाधान अनिवार्य रूप से किया जाना रहा है। १५ जुलाई २०१७ से २६ मई २०२० तक मेरठ जोन के एडीजी रहे प्रशांत कुमार की कार्यप्रणाली के सभी कायल थे और आम आदमी अपनी परेशानी लेकर उनके सामने बेखौफ होकर पहुंच जाता था और वो भी उसकी समस्या का समाधान आसानी से करते थे। एक खबर के अनुसार राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मेरठ में एडीजी और प्रदेश के डीजीपी रहने के दौरान उनकी उपलब्धियों को इस नियुक्ति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है
    प्रदेश में वर्ष 2017 से लेकर 2020 के बीच मेरठ जोन में सबसे ज्यादा एनकाउंटर हुए और 65 अपराधियों को ढेर किया गया। इतना ही नहीं, लूट और डकैती की घटनाओं में करीब 85 प्रतिशत माल की रिकवरी कराई गई थी। दिल्ली से अगवा किए गए मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर श्रीकांत को मेरठ में रखकर पांच करोड़ की फिरौती मांगी गई थी, जिन्हें दिल्ली पुलिस, एसटीएफ और मेरठ पुलिस की टीम ने बंधनमुक्त कराते हुए सकुशल बरामद कराया था।
    पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार ने 15 जुलाई 2017 को मेरठ एडीजी का पद संभाला था और 26 मई 2020 को उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था बनाकर लखनऊ भेजा गया था। करीब तीन साल तक प्रशांत कुमार मेरठ के एडीजी रहे थे। वेस्ट यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर और बागपत में अपराधियों के खिलाफ खासतौर पर एसओजी टीम और एसटीएफ को कार्रवाई के लिए लगाया था। बड़े गैंग चलाने वाले कुख्यात अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन हुआ। इस दौरान मेरठ जोन में 2273 मुठभेड़ हुई, जिसमें 65 अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया।
    साथ ही 1332 अपराधियों को पैर में गोली लगी थी। इस दौरान 100 से ज्यादा गैंग को पूरी तरह से खत्म किया गया और करीब 150 करोड़ से ज्यादा की अपराधियों की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट में जब्त किया गया।
    सेवा में आने से सेवानिवृत होने तक प्रशांत कुमार जहां भी रहे अपने विभाग से संबंध सरकारी की नीति का पालन कराने और जनसमस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देेने वाले प्रशांत कुमार की नियुक्ति से यह बात तो स्पष्ट कही जा सकती है कि अब इनके पद से संबंध स्कूलों में होने वाली नियुक्तियों में गडबड और घोटाला तथा किसी प्रकार की दलाली करने वालों की दाल गलने वाली नहीं है। पात्रों को बढ़ावा मिलेगा और जिस उददेश्य से यह चयन आयोग बनाया गया था वो भी पूरा और सीएम योगी आदित्यनाथ की ईमानदारी और पारदर्शी वातावरण की नीति साकार होगी। इस क्षेत्र में नौजवानों की नियुक्ति नीति के तहत हो पाएंगी। जो शिक्षा में सुधार और साक्षरता को बढ़ावा देने की सरकार की मंशा है उसे भी पूरा करने में प्रशांत कुमार सफल होंगे। यह बात विश्वास से कही जा सकती है।
    जमीनी कार्यप्रणाली की जानकारी रखने वाले पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा अपने कार्यकाल में अनेक चुनाव संपन्न कराए गए। पश्चिमी उप्र में कांवड़ मेले को सफल कराया। स्मरण रहे कि उनकी सहयोगी धर्मपत्नी डिंपल वर्मा आईएएस अधिकारी हैं और हमेशा जनहित के कार्यों को पूरा कराने में वो भी प्रशांत कुमार की तरह ही अग्रणी रहकर भूमिका निभाती हैं।
    प्रदेश में वो जहां जहां रहे उनके प्रशसंकों और उनकी कार्यप्रणाली को सराहनीय बताने वाले नागरिकों में प्रशांत कुमार की इस नियुक्ति के लिए सीएम योगी की सकारात्मक सोच अच्छे अधिकारियों को बढ़ावा देने की नीति और सबको न्याय दिलाने का परिणाम बताया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार का कहना है कि प्रशांत कुमार की नियुक्ति से ईमानदारी का राज कायम होगा। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े और एलेक्जेंडर क्लब के सचिव द अध्ययन के चेयरमैन संजय कुमार का कहना है कि अब पात्र नौजवानों को बिना किसी सिफारिश के नियुक्तियां मिलेगी। मजीठियां बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री अंकित बिश्नोई का कहना है कि अब हर नौजवान शिक्षा सेवा चयन आयोग से संबंध अपनी समस्या को लेकर उनके पास जा सकता है। कहीं कोई परेशानी आ रही है तो उन्हेें बताकर उसका समाधान करा सकता है। कुल मिलाकर सर्वगुण संपन्न व्यक्तित्व प्रशांत कुमार का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा होगा। अभी तो यही कहा जा सकता है। ऑल इंडिया न्यूज पेपर एसोसिएशन आईना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक रवि कुमार बिश्नोई भी प्रशांत कुमार को दी गई जिम्मेदारी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जता रहे हैं। बताते चलें कि पुलिस का कार्यकाल और अपने अनुभवों से प्रशांत कुमार वातावरण को काफी सुधारने और मुठमर्दों को निष्क्रिय करने में भी सफल होंगे।
    (प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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