नई दिल्ली 04 जुलाई। फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने पिछले साल अपने सभी प्लेटफॉर्म पर अरबी शब्द ‘शहीद’ का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
हालांकि, अपनी समीक्षा में मेटा पाया कि यह शब्द उसके नियमों का किसी प्रकार उल्लंघन नहीं करता है, जिसके बाद कंपनी ने शहीद सबसे प्रतिबंध को हटा दिया है।
मेटा की पुरानी नीति के कारण ऐसे कंटेंट को भी हटाया गया, जिसका उद्देश्य हिंसक कार्रवाइयों की प्रशंसा करना नहीं था।
मेटा मध्य पूर्वी कंटेंट को लेकर जांच के दायरे में रही है, कंपनी द्वारा कमीशन किए गए 2021 के एक अध्ययन में फिलिस्तीनियों और अन्य अरबी भाषी यूजर्स पर बुरे मानवाधिकार प्रभाव का खुलासा हुआ है।
अक्टूबर में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद मेटा की नीतियों की समीक्षा बढ़ी। ओवरसाइट बोर्ड ने पिछले साल अपनी समीक्षा शुरू की, जिसमें पाया गया कि ‘शहीद’ के संबंध में कंपनी के नियम शब्द के विभिन्न अर्थों पर विचार करने में विफल रहे।
मेटा ने कहा, “उनके परीक्षणों से पता चला है कि ‘शहीद’ को “अन्यथा उल्लंघन करने वाली कंटेंट के साथ जोड़े जाने पर ऐसी सामग्री को हटाने से आवाज पर बुरा प्रभाव डाले बिना सबसे संभावित हानिकारक कंटेंट को पकड़ा जा सकता है।”
पिछले साल इस नियम के लागू होने के बाद मेटा ने बहुत से यूजर्स के अकाउंट को प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित कर दिया था और लाखों की संख्या में उनके पोस्ट को भी हटा दिया था।