Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • गुजरात और कर्नाटक के स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार से अब देश के 25 करोड़ बच्चे भी हो सकते हैं लाभांवित, सरकार पूर्णता और शुद्धता के लिए बनाए निगरानी समिति, फर्जी स्कूलों पर ?
    • आमदनी और टीआरपी बढ़ाने के लिए फिल्मी अदाकारा युवा पीढ़ी के बारे में भी सोचें
    • पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार और उनकी हत्या तथा चर्म पर पहुंच रहे भीड तंत्र को रोका जाए चाहे कुछ भी करना पड़े, केरल में मजदूर रामनारायण की हत्या क्यों?
    • डॉक्टरों ने डिलीवरी करते हुए पेट में छोड़ा आधा मीटर कपड़ा, CMO समेत 6 पर FIR
    • गैंगस्टर विनय त्यागी की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत, हरिद्वार में बदमाशों ने मारी थी गोली
    • सलमान खान ने फार्महाउस पर मनाया अपना 60वां जन्मदिन, सजी स्टार्स की महफिल
    • 10 खापों की पंचायत ने 18 साल से कम उम्र के लड़कों के हाफ पैंट पहनने और स्मार्टफोन इस्तेमाल करने पर लगाया प्रतिबंध
    • हाईवे पर 85 लाख की लूट में 6 बदमाश गिरफ्तार
    Facebook Instagram X (Twitter) YouTube
    tazzakhabar.comtazzakhabar.com
    Demo
    • न्यूज़
    • लेटेस्ट
    • देश
    • मौसम
    • स्पोर्ट्स
    • सेहत
    • टेक्नोलॉजी
    • एंटरटेनमेंट
    • ऑटो
    • चुनाव
    tazzakhabar.comtazzakhabar.com
    Home»देश»आपसी सहमति से तलाक में विवाह पंजीकरण जरूरी नहीं: हाईकोर्ट
    देश

    आपसी सहमति से तलाक में विवाह पंजीकरण जरूरी नहीं: हाईकोर्ट

    adminBy adminAugust 30, 2025No Comments6 Views
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn WhatsApp Reddit Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    प्रयागराज,30 अगस्त। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि विवाह पंजीकृत नहीं है और दोनों पक्ष उसके अस्तित्व को स्वीकार करते हैं तो हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत आपसी सहमति से तलाक की कार्यवाही में ट्रायल कोर्ट विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र जमा करने के लिए जोर नहीं दे सकता। इसी के साथ न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने आजमगढ़ की फैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें प्रमाण पत्र दाखिल करने की आवश्यकता से छूट देने की याचिका खारिज कर दी गई थी।

    इस मामले में पति और पत्नी ने 23 अक्टूबर 2024 को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13 (B) के तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए संयुक्त रूप से याचिका की थी। कार्यवाही के दौरान फैमिली कोर्ट ने पक्षकारों को विवाह प्रमाण पत्र दाखिल करने का आदेश दिया। याची ने पत्नी के समर्थन से एक अर्जी देकर कहा कि प्रमाण पत्र नहीं है क्योंकि उनका विवाह पंजीकृत नहीं हुआ था। तर्क दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकरण अनिवार्य नहीं और छूट देने की प्रार्थना की। फैमिली कोर्ट ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था।

    हाईकोर्ट में याची के वकील ने तर्क दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा आठ विवाह के पंजीकरण का प्रावधान करती है, पंजीकरण के अभाव में विवाह को अमान्य नहीं करती है। यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 भी नियम 6 के तहत यह स्पष्ट करती है कि केवल इसलिए कि विवाह पंजीकृत नहीं था उसे अवैध नहीं माना जाएगा।

    न्यायालय ने कहा कि जहां राज्य के नियम पंजीकरण को अनिवार्य बनाते हैं, वहां भी पंजीकरण के अभाव में विवाह को अमान्य घोषित करने वाला कोई नियम नहीं हो सकता। इस स्थिति को उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 के नियम 6 (2) द्वारा और समर्थन मिलता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंजीकरण प्रमाण पत्र दाखिल करने की आवश्यकता केवल उन मामलों में है जहां विवाह अधिनियम की धारा 8 के तहत पंजीकृत है।

    स्वीकार्य रूप से इस मामले में 2010 में संपन्न हुआ विवाह पंजीकृत नहीं है और इसलिए पंजीकरण प्रमाण पत्र दाखिल करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने इस सिद्धांत का भी आह्वान किया कि प्रक्रियात्मक कानून न्याय की सुविधा के लिए हैं, न कि बाधा उत्पन्न करने के लिए। न्यायालय ने कहा कि यह ‘प्रक्रिया’ है, जो न्याय को सुगम बनाने और उसके उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई है। यह दंड और जुर्माने के लिए कोई दंडात्मक विधान नहीं है।

    यह लोगों को फंसाने के लिए बनाई गई कोई चीज नहीं है। हाईकोर्ट ने माना कि फैमिली कोर्ट का विवाह प्रमाण पत्र दाखिल करने पर जोर देना पूरी तरह से अनुचित था, खासकर जब विवाह के तथ्य पर कोई विवाद नहीं था और इसे आपसी सहमति याचिका में दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार किया गया था। इसी के साथ अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही फैमिली कोर्ट को लंबित आपसी तलाक के मामले का कानून के अनुसार शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया।

    Allahabad High Court tazza khabar tazza khabar in hindi uttar-pradesh news
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
    admin

    Related Posts

    गुजरात और कर्नाटक के स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार से अब देश के 25 करोड़ बच्चे भी हो सकते हैं लाभांवित, सरकार पूर्णता और शुद्धता के लिए बनाए निगरानी समिति, फर्जी स्कूलों पर ?

    December 27, 2025

    आमदनी और टीआरपी बढ़ाने के लिए फिल्मी अदाकारा युवा पीढ़ी के बारे में भी सोचें

    December 27, 2025

    पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार और उनकी हत्या तथा चर्म पर पहुंच रहे भीड तंत्र को रोका जाए चाहे कुछ भी करना पड़े, केरल में मजदूर रामनारायण की हत्या क्यों?

    December 27, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    © 2025 Tazza khabar. All Rights Reserved.
    • Our Staff
    • Advertise

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.