मुंबई, 31 अक्टूबर। मुंबई के पवई स्थित एक स्टूडियो में गुरुवार को 50 वर्षीय रोहित आर्य ने ऑडिशन के बहाने 17 बच्चों को बंधक बना लिया। पुलिस की कार्रवाई में गोली लगने से घायल आरोपी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। बाथरूम के रास्ते अंदर घुसकर सभी बंधकों को सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित निकाला। इसी के साथ करीब दो घंटे में बंधक संकट खत्म हो गया।
बच्चों के साथ एक वरिष्ठ नागरिक और एक अन्य व्यक्ति को बंधक बनाने के बाद आरोपी रोहित ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर इसकी पुष्टि की। पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), बम निरोधक दस्ते और दमकल टीम मौके पर पहुंची। अग्निशमन दस्ते ने पहली मंजिल तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां लगाई और पुलिस की टीम बाथरूम के रास्ते स्टूडियो में दाखिल हुई।
मुंबई पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण ने बताया कि पुलिस को दोपहर करीब 1:30 बजे सूचना मिली की महावीर क्लासिक बिल्डिंग स्थित आर ए एक्टिंग स्टूडियो में एक व्यक्ति ने बच्चों को बंधक बना रखा है। पुलिस ने आरोपी से बातचीत की कोशिश की, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस टीम स्टूडियो में घुसी तो आरोपी के हाथ में एयर गन और कुछ रसायन थे।
पुलिस ने आरोपी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, तो उसने इनकार कर दिया और बच्चों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लग गई। उसे ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शाम 4:15 बजे बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं। पुलिस कार्रवाई के दौरान अभिवावक बड़ी संख्या में जुटे रहे।
रोहित आर्य ने 10 से 12 साल के बच्चों को बुलाया था
वेब सीरीज के ऑडिशन के लिए 10 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों को स्टूडियो बुलाया गया था। बंधक बनाने वाले रोहित आर्य ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि उसने बच्चों को बंधक बनाया है।
बंधक बनाने वाले ने कहा था- उकसाया तो आग लगा दूंगा
बताया जा रहा है कि आरोपी रोहित आर्य स्टूडियो में ही काम करता था। उसने एक वीडियो भी जारी किया। इसमें उसने धमकी दी, ”मैं रोहित आर्य। मैंने आत्महत्या करने की जगह एक प्लान बनाया और कुछ बच्चों को यहां बंधक बनाया। मेरी कुछ ज्यादा मांगें नहीं हैं। मेरी कुछ नैतिक मांगें हैं। कुछ लोगों से सवाल पूछने हैं। मुझे उनके जवाब चाहिए। न मैं आतंकी हूं, न मेरी पैसों की कोई मांग है। मुझे आसानी से बात करनी है, इसी के लिए बच्चों को बंधक बनाया है। अगर जिंदा रहा तो मैं यह करूंगा, लेकिन होगा जरूर। आपकी तरफ से एक छोटा सा कदम मुझे उकसा देगा और मैं पूरी जगह को आग लगाकर मर जाऊंगा। इससे बच्चों को बेवजह नुकसान होगा, वे निश्चित तौर पर डर जाएंगे। इसका जिम्मेदार मुझे न माना जाए। मैं सिर्फ बात करना चाहता हूं। मैं अकेला नहीं हूं, मेरे साथ कई सारे लोग हैं, जिन्हें परेशानियां हैं।”
सरकारी टेंडर का पैसा नहीं मिलने से नाराज था आरोपी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोहित आर्या मूल रूप से पुणे का रहने वाला था। उसे महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग के एक स्कूल का टेंडर मिला था। रोहित का कहना था कि उसे इस प्रोजेक्ट का भुगतान अब तक नहीं मिला था। जिसके चलते वह आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से गुजर रहा था।
महाराष्ट्र सरकार से रोहित की नाराजगी की वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित ने दावा किया था कि ‘माझी शाळा, सुंदर शाळा’ योजना का कॉन्सेप्ट उसी ने तैयार किया था। जिसे महाराष्ट्र सरकार ने 2022 में लागू किया था। रोहित ने आरोप लगाया था कि सरकार ने उसका आइडिया, स्क्रिप्ट और फिल्म के राइट्स तक इस्तेमाल किए लेकिन उसे क्रेडिट नहीं दिया। न ही उसका पैसा मिला।
रोहित को दाईं तरफ सीने पर गोली लगी थी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित को दाईं तरफ सीने पर गोली लगी थी। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में रोहित का पोस्टमार्टम होगा।

