फतेहाबाद 05 नवंबर। पिछले दिनों कुरुक्षेत्र के 9 करोड़ी युवराज की मौत की खबर ने जुनूनी पशु प्रेमियों को गम से भर दिया। मुर्रा नस्ल के इस झोटे को हरियाणा का सबसे कीमती मवेशी होने का गौरव था। अब युवराज की मौत के बाद रिक्त हुए स्थान को फतेहाबाद के कुबेर ने भर दिया है। राजस्थान के पुष्कर मेले में इंट्रोड्यूस किए गए कुबेर की कीमत 21 करोड़ रुपए लगी। हालांकि, मालिक विकास भांभू ने साफ कर दिया कि कोई 50 करोड़ भी देगा तो वह कुबेर का सौदा नहीं करेंगे।
फतेहाबाद जिले के नाढ़ोडी गांव के किसान विकास भांभू अपने मुर्रा नस्ल के झोटे कुबेर को लेकर राजस्थान के अजमेर जिले स्थित पुष्कर मेले में गए। वहां आंध्र प्रदेश के पशु व्यापारियों ने उसकी कीमत 21 करोड़ रुपए लगाई। विकास ने कहा कि यह झोटा शान है, इसे नहीं बेचेंगे। अब इसके सीमन बेचेंगे। विकास 10 एकड़ में खेतीबाड़ी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। साथ में पशुपालन भी करते हैं।
पुष्कर मेले में हुई पशुओं की प्रतियोगिता में झोटे कुबेर ने पहला स्थान प्राप्त किया। अब राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग की ओर से बुधवार को झोटे कुबेर और उसके मालिक विकास भांभू को सम्मानित किया जाएगा।
विकास ने बताया कि कुबेर की मां भी 23.5 लीटर दूध देकर जिला स्तर पर इनाम जीत चुकी है। कुबेर को वह खल-बिनौला, चना खिलाने के साथ-साथ कभी-कभी दूध व घी भी पिलाते हैं। विकास का कहना है कि यह झोटा केवल उनकी कमाई का जरिया नहीं, बल्कि उनकी शान और मेहनत की पहचान है।
विकास ने बताया कि वह कुबेर को बेचने की बजाय सीमन बैंक में रखेंगे, ताकि उससे उच्च गुणवत्ता वाला सीमन तैयार कर किसानों को वाजिब दामों पर उपलब्ध कराया जा सके। इससे उन्हें हर महीने लाखों रुपये की आय भी होगी और आसपास के इलाकों में मुर्रा नस्ल के सुधार में मदद मिलेगी।
विकास ने कहा कि कुबेर की 21 करोड़ की कीमत लगने के बाद हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से सीमन की बुकिंग के लिए फोन आने लगे हैं। विकास ने बताया कि उसे उम्मीद भी नहीं थी कि कुबेर की इतनी कीमत लगेगी।

