नई दिल्ली 13 अक्टूबर। दिल्ली से चीन के ग्वांगझू शहर के लिए इंडिगो ने 10 नवंबर से सीधी दैनिक उड़ान की घोषणा की है। साथ ही वियतनाम के लिए भी सीधी उड़ान शुरू होगी। इंडिगो ने इससे पहले 26 अक्तूबर से कोलकाता और ग्वांगझू के बीच उड़ानों की घोषणा की थी। सेल्स प्रमुख विनय मल्होत्रा ने बताया कि कोलकाता से शुरू उड़ान के अलावा दिल्ली और ग्वांगझू के बीच दैनिक सीधी उड़ानों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
IndiGo ने बताया कि उसने पहले भी भारत और चीन के बीच उड़ानें चलाई थीं, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इन्हें बंद करना पड़ा था। कंपनी ने कहा कि उसके पास पहले से ही चीन के साथ सभी जरूरी व्यवस्थाएं और स्थानीय साझेदार मौजूद हैं, जिससे यह कनेक्शन फिर से शुरू करना आसान होगा। इस नई डायरेक्ट फ्लाइट से यात्रियों को अब किसी स्टॉप ओवर के बिना सीधे चीन पहुंचने की सुविधा मिलेगी। कंपनी जल्द ही टिकट प्राइस और फ्लाइट टाइमिंग्स का पूरा शेड्यूल जारी करेगी। इंडिगो का मानना है कि यह रूट दोनों देशों के बीच बिजनेस और ट्रैवल कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा।
कितना होगा किराया
चीन के ग्वांगझू शहर के बीच दिल्ली से डायरेक्ट फ्लाइट 10 नवंबर से रोजाना उड़ान भरेगी। यह फ्लाइट रोजाना रात 9:45 बजे दिल्ली से उड़ेगी और सुबह 4:50 (चीन का लोकल टाइम) ग्वांगझू शहर में लैंड करेगी। स्काईस्कैनर में सर्च करने के बाद हमें पता चला कि इस उड़ान का टिकट प्राइस 15,917 रुपये।
एयर इंडिया भी शुरू करेगी सर्विस
सूत्रों के अनुसार, एयर इंडिया भी साल के अंत तक चीन के लिए अपनी सीधी उड़ानें शुरू कर सकती है। इससे यात्रियों के पास ऑप्शन और भी बढ़ जाएंगे और दोनों देशों के बीच संपर्क मजबूत होगा।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि इस साल की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट दोबारा शुरू करने को लेकर बातचीत चल रही थी। दोनों देशों के सिविल एविएशन अधिकारी तकनीकी स्तर पर इस पर चर्चा कर रहे थे। अब फैसला लिया गया है कि सर्दियों के शेड्यूल के तहत अक्टूबर के आखिर से दोनों देशों के बीच उड़ानें शुरू की जा सकती हैं। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और आपसी संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।
क्यों बंद थीं फ्लाइट्स
दरअसल, गलवान घाटी की झड़प और कोरोना महामारी के बाद भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें बंद कर दी गई थीं। पिछले पांच सालों में दोनों देशों के बीच न तो पर्यटक आसानी से जा सके और न ही व्यापारिक यात्राएं पहले की तरह हो पाईं। अब हालात बदल रहे हैं। हाल ही में कूटनीतिक बातचीत और सीमा पर तनाव कम होने के बाद रिश्ते फिर से सामान्य हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ताएं हुईं, जिससे माहौल बेहतर हुआ है। इसके अलावा व्यापारिक पाबंदियों में ढील और हाई-लेवल मीटिंग ने भी दोनों देशों के बीच रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने में मदद की है।