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    माननीय मुख्यमंत्री जी दें ध्यान! जैना ज्वैलर्स के अवैध निर्माणकर्ताओं पर अधिकारी मेहरबान क्यों? दो मानचित्र पास की आड़ में बने भवन को बचाने का प्रयास अफसर क्यों कर रहे है

    adminBy adminDecember 13, 2025No Comments1 Views
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    मेरठ 13 दिसंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। एक तरफ सेन्ट्रल मार्केट शास्त्री नगर में माननीय न्यायालय के आदेश पर होने वाली तोड़फोड़ की कार्रवाई चर्चाओं में है। वहीं बीते दिनों मानचित्र के विपरीत व अवैध बताकर आवास विकास के अफसरों ने कई निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की। मगर पता नहीं मैन रोड सेन्ट्रल मार्केट में घरेलू उपयोग की भूमि पर बने जैना ज्वैलर्स के भव्य निर्माण पर कार्रवाई करने की सुध आवास विकास के अधिकारी क्यों नहीं ले रहे है। बताते चले कि जब से यह निर्माण शुरू हुआ तभी से इसके संबंध में अवैध निर्माण की खबरें समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती रही। आवास विकास के पूर्व इंजीनियर अफतार अहमद का स्पष्ट कहना था कि वो इस पर सील लगाने व कार्रवाई कराने हेतु कई बार मुख्य अभियंता राजीव कुमार जी को लिख चुका है मगर वो बार बार इसके रूकवा देते है। यह निर्माण पूरी तौर पर अवैध और घरेलू उपयोग की भूमि पर है यह किसी से छिपा नहीं है। इसको बचाने के लिए पूर्व में दो नक्शे पास हुए बताये जा रहे है और चर्चा है कि दोनों ही गलत तरीके से निर्माण कर्ता को बचाने के लिए पास किये गये थे।

    जैना ज्वैलर्स के संचालकों ने स्पष्ट लिखकर दिया था कि वो यहां कोई व्यापार नहीं करेंगे रहने के लिए बना रहे है। उसके बावजूद आवास विकास के अधिकारी देखते रहे इसमें भव्य कमर्शियल बिल्डिंग में जैना ज्वैलर्स का शोरूम खुला जिसका उद्घाटन जानी मानी फिल्म अभिनेत्री और संसद सदस्य हेमा मालिनी जी द्वारा किया गया। जिसे लेकर शुभारंभ से लेकर और बाद को भी बड़े बड़े विज्ञापन व खबरें छपी और विभागीय जिम्मेदार अधिकारी उसे बचाने के लिए खामोशी लगाये रहे। जब इसे लेकर हंगामा हुआ और लगा कि माननीय न्यायालय से अफसरों के विरूद्ध हो सकती है कार्रवाई तो उसके ध्वस्तीकरण का नोटिस लेकर सील लगाने की कार्रवाई शुरू की गई। मगर जैना ज्वैलर्स के संचालकों ने अपना सामान हटाकर जांच टीम की मिलीभगत से यह लिखवा दिया कि यहां कोई व्यापार नहीं हो रहा है। हो सकता है कि जब जांच के लिए टीम गई हो तो वहां कुछ ना हो मगर व्यापार हो रहा था यह तो इसको लेकर छपी खबरों से स्पष्ट होता है। मगर अफसरों ने व्यापार न होना र्दशाकर मामले को दबाने की कोशिश की है। अब अगर उनकी बात मान भी ली जाए तो जो निर्माण मौके पर नजर आ रहा है उसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि वो नियम अनुसार है लेकिन फिर भी यह बात मान ली जाए तो निर्माण पूरी तौर पर सरकार की निर्माण नीति के विपरीत अवैध है तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। क्योंकि ना तो जैना ज्वैलर्स के संचालकों ने नियम अनुसार वाहन खड़े करने की जगह छोड़ी है और ना ही अन्य नियम अनुसार निर्माण किया है ऐसे में विभागीय अफसर जैना ज्वैलर्स पर क्यों मेहरबान है यह तो वो ही जाने। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी ऐसे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई नहीं होती है तो अन्यों को भी सरकार की नीति के विपरीत अवैध निर्माण करने का प्रोत्साहन मिलेगा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।

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