लखनऊ 09 सितंबर। स्वास्थ्य विभाग में गजब का फर्जीवाड़ा सामने आया है. एक ही नाम पर 6 अलग-अलग जिलों में 6 अलग-अलग लोग नौकरी करते मिले. हालांकि आधार कॉर्ड नंबर सबका अलग-अलग है. सभी के पिता का नाम समान है. और तो और 2016 से ही सभी वेतन भी ले रहे हैं. इसका खुलासा आरटीआई से हुआ, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.
अब तक सामने आया है कि स्वास्थ्य विभाग में एक एक्स-रे टेक्नीशियन के नाम का कुल 6 लोगों ने इस्तेमाल किया और कूटरचित दस्तावेज लगाए. सभी 6 को आरोपी बनाते हुए निदेशक पैरामेडिकल डॉ. रंजना खरे ने सोमवार को वजीरगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर में कूटरचित दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने और विभाग को आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
निदेशक पैरामेडिकल डॉ. रंजना खरे की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग में एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती-2016 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 403 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था और इसकी सूची उपलब्ध कराई थी. सूची में क्रमांक सख्या 80 पर अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह के नाम से फर्जी कूटरचित प्रपत्र तैयार किए और विभिन्न जनपदों में नियुक्ति प्राप्त कर ली गई.
आरोपियों में पहला व्यक्ति बलरामपुर में तैनात अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह, निवासी मोहल्ला प्रतापनगर, पोस्ट शाहगंज, आगरा है. इसी नाम और पते वाला दूसरा फर्रुखाबाद का, तीसरा रामपुर का, चौथा व्यक्ति बांदा व पांचवां अमरोहा में तैनात निवासी ग्राम नगला खुमानी, पोस्ट कुरावली, मैनपुरी है. छठवां व्यक्ति शामली में तैनात है और आगरा का है.
एफआईआर में कहा गया है कि इन सभी व्यक्तियों द्वारा फर्जी एवं कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त कर ली गई व 2016 से स्वास्थ्य विभाग से वेतन प्राप्त कर विभाग को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है. अतः इस मामले में एफआईआर दर्ज कर उचित कार्यवाही की जाए.
इस प्रकरण के खुलासे के बाद महकमे में हड़कंप मचा है. यह कैसे संभव हुआ, इसकी जांच की जानी है. पुलिस मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई में जुटी है.