नई दिल्ली 22 दिसंबर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ धीरे-धीरे संस्थागत रूप से अपने कब्जे में ले रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने जोर देकर कहा कि संस्थानों का संचालन किसी विचारधारा से नहीं, बल्कि ज्ञान और विज्ञान द्वारा किया जाएगा। राहुल गांधी ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद भवन परिसर में स्थित अपने कार्यालय में, भारतीय सांख्यिकी संस्थान के छात्रों के साथ हुई हालिया बातचीत का एक वीडियो अपने व्हाट्सएप चैनल पर पोस्ट किया।
बता दें कि यह बातचीत संसद परिसर में उनके ‘जन संसद’ कार्यक्रम के तहत हुई थी, जिसमें वे अलग-अलग वर्ग के लोगों से मिलते हैं। राहुल गांधी ने बताया कि आईएसआई के छात्रों ने वही चिंताएं जताईं, जो देश के दूसरे शिक्षण संस्थानों के छात्र और शिक्षक पहले से उठाते आ रहे हैं। छात्रों का कहना है कि आईएसआई में अब अकादमिक फैसलों में आरएसएस का दखल बढ़ रहा है।
इस दौरान राहुल गांधी ने इस बात पर भी जोर दिया कि आईएसआई कोई साधारण संस्थान नहीं है। यह आंकड़े, गणित, अर्थशास्त्र, डेटा साइंस, कंप्यूटर साइंस और नीति निर्माण जैसे क्षेत्रों में उच्च स्तरीय शोध करता है और देश को विश्वस्तरीय विशेषज्ञ देता रहा है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जिन अकादमिक परिषदों को शिक्षाविदों द्वारा चलाया जाना चाहिए, वहां अब नौकरशाही और विचारधारा का हस्तक्षेप हो रहा है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम और रिसर्च पर भी आरएसएस की विचारधारा थोपने की कोशिश की जा रही है।
राहुल गांधी ने आगे इसे शिक्षा सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा और संस्थानों को कमजोर करने की साजिश बताया। राहुल गांधी का कहना है कि इससे युवाओं का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है और आगे चलकर इन संस्थानों का निजीकरण या उनकी संपत्तियों को बेचने की तैयारी की जा सकती है। राहुल गांधी ने साफ कहा कि यह हमला सिर्फ संस्थानों पर नहीं, बल्कि देश की बौद्धिक आज़ादी, वैज्ञानिक सोच और युवाओं के भविष्य पर है।

