लोकसभा चुनाव में रालोद मुखिया जयंत चौधरी की चुनावी रणनीति और घोषित उम्मीदवारों के निर्णय की प्रशंसा सभी कर रहे हैं और बिजनौर सीट से चंदन चौहान व बागपत से रालोद के पांच दशक पुराने कार्यकर्ता डॉ. राजकुमार सांगवान के जीतने से भाजपा और केंद्र सरकार में इस दल का रूतब बढ़ेगा।
कुछ लोग कह रहे हैं कि भाजपा को रालोद गठबंधन का उनका लाभ नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था। मगर मुझे लगता है कि जितने भाजपा प्रत्याशी जीते हैं उनमें से कुछ को इसका लाभ मिला हो लेकिन रालोद से गठबंधन का नुकसान भाजपा को कहीं नहीं हुआ। बागपत लोकसभा सीट से तीन बार पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह सांसद रहे और छह बार चौधरी अजित सिंह एक बार सोमपाल शास्त्री और एक बार सत्यपाल मलिक चुनाव जीते लेकिन इस बार डॉ0 राजकुमार सांगवान ने चुनाव जीतकर यह सिद्ध कर दिया है कि जयंत चौधरी के बाद उनके आशीर्वाद से अब बागपत के चौधरी अब राजकुमार सांगवान बन गए हैं। केंद्र में जिस प्रकार से मोदी के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनने जा रही है उससे स्पष्ट हो रहा है कि इस बार मोदी जी को बड़ा संतुलन बनाकर सरकार चलानी होगी और अपने सहयोगी दलों को महत्व देना होगा। क्योंकि विपक्षी इंडिया गठबंधन भी इतनी संख्या जरूर लाया है कि वो भाजपा के सहयोगियों को अपने पास लाने का प्रयास कर सकता है ऐसे में रालोद की भागीदारी को कोई भी नकार नहीं सकता। इस दृष्टि से देखे तो केंद्र में एक मंत्री इस पार्टी का बनना चाहिए। वो कौन बनेगा यह रालोद मुखिया तय करेंगे।
लेकिन एक बात विश्वास से कही जा सकती है कि छात्र राजनीति से स्व. चरण सिंह के सानिध्य में राजनीति में सक्रिय हुए डॉ. राजकुमार सांगवान के राजनीतिक तजुर्बे और साफ दामन व शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय एवं समाजसेवा में पिछले चार दशक में किए गए कार्यों और रालोद का झंडा लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क करते डा. राजकुमार सांगवान को कोई ना कोई बड़ी जिम्मेदारी केंद्र में मिलेगी यह बात विश्वास के साथ कही जा सकती है। मगर यह भी पक्का है कि पूर्व स्वतंत्रता सेनानी काकोरी कांड के विष्णुशरण दुबलिश के सानिध्य में इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की टेªनिंग ले चुके सांगवान पद के लालची नहीं रहे। यह जरूर है कि वह सतपाल मलिक के बाद केंद्र की राजनीति में डॉ. राजकुमार सांगवान सफलता से रालोद की राजनीति का ध्वज फहराने में पीछे नहीं हटेंगे। आज उप्र में सबसे ज्यादा खुशी राजकुमार सांगवान की जीत की बागपत और मेरठ के लोग मना रहे हैं और जयंत चौधरी के निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
डॉ. राजकुमार सांगवान को पद का लालच कभी नहीं रहा, लेकिन केंद्र में मिल सकती है मजबूत जिम्मेदारी
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