नई दिल्ली 20 दिसंबर। सट्टेबाजी ऐप 1एक्स-बेट से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने फिल्म जगत से जुड़ी पांच और क्रिकेट से जुड़ी दो हस्तियों की संपत्तियां जब्त की हैं। इनमें अभिनेता सोनू सूद, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला की मां मीरा रौतेला, नेहा शर्मा और पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह शामिल हैं।
सट्टेबाजी ऐप 1एक्स-बेट से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के दायरे में आए इन सितारों पर ऐप का प्रचार कर भारत में इसे बढ़ावा देने के आरोप हैं। ईडी ने शुक्रवार को बताया कि मामले में सोनू सूद, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला की मां मीरा रौतेला, नेहा शर्मा, बांग्ला अभिनेता अंकुश हाजरा, पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह व रॉबिन उथप्पा की संपत्तियां जब्त की हैं। तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती की भी संपत्ति जब्त की गई है।
इसमें सोनू सूद की लगभग 1 करोड़ रुपए, मिमी चक्रवर्ती की 59 लाख रुपए, युवराज सिंह की 2.5 करोड़ रुपए, नेहा शर्मा की 1.26 करोड़ रुपए, उथप्पा की 8.26 लाख रुपए, अंकुश हाजरा की 47 लाख और उर्वशी रौतेला की मां की 2.02 करोड़ रुपए की संपत्ति शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला एक हजार करोड़ से अधिक का हो सकता है। रकम के लेन-देन के लिए छह हजार से ज्यादा फर्जी खातों का इस्तेमाल किया गया। विदेशी कंपनियों से रकम भारतीय खातों में भेजी गई, ताकि यह विज्ञापन की रकम प्रतीत हो।
बता दें कि इन सभी सेलेब्स से इस मामले में पहले ED द्वारा पूछताछ की गई थी। एजेंसी ने कुछ समय पहले पूर्व क्रिकेटरों शिखर धवन और सुरेश रैना की 11.14 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी
राजनीति से जुड़े कई चेहरे जांच के दायरे में
पूर्व सांसद पर कार्रवाई के बाद इस मामले में जांच का दायरा राजनीतिक दलों की ओर बढ़ने के आसार हैं। आने वाले दिनों में कई और लोगों से पूछताछ की जा सकती है।
सरकार ने बेटिंग एप पर बैन लगाया
भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे ड्रीम-11, रमी, पोकर जैसे ऑनलाइन बेटिंग एप बैन हैं। यह फैसला भारत सरकार के हाल ही में पास किए गए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के बाद लिया गया है। इस बिल के तहत ऑनलाइन बेटिंग एप पर पूरी तरह पाबंदी है।
सरकार का कहना है कि ऐसे एप से आम लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया था कि करीब 45 करोड़ लोग ऐसे गेम्स से प्रभावित हैं। 20 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर की श्रेणी में रखा है।
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ड्रीम-11 जैसे फैंटेसी खेलों को स्किल्स का खेल बताया था। हालांकि बेटिंग एप कभी भी भारत में लीगल नहीं थे।

