नई दिल्ली 18 दिसंबर। भारत के ऐप-आधारित टैक्सी सेक्टर में एक क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय के तहत ‘भारत टैक्सी ऐप’ (Bharat Taxi App) को देशभर में लॉन्च करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह ऐप न केवल यात्रियों को सस्ती और सुरक्षित सवारी देगा बल्कि ड्राइवरों को शोषण से बचाकर उन्हें बेहतर कमाई और सम्मान भी दिलाएगा। सहकारिता मॉडलपर आधारित यह पहल 1 जनवरी 2026 से आधिकारिक रूप से बड़े शहरों में अपनी सेवाएं शुरू कर देगी।
एप में ऑटो-रिक्शा, कार और बाइक की सर्विस उपलब्ध होगी। यूजर्स अपनी जरूरत के हिसाब से ऑप्शन चुन सकेंगे।
ओला और उबर जैसे ऐप्स में पीक ऑवर्स में किराया अचानक बढ़ जाता है, जिससे पैसेंजर्स परेशान होते हैं। भारत टैक्सी ऐप में ऐसा नहीं होगा। किराया स्थिर रखने की कोशिश की जाएगी। ये एप सरकारी पहल का हिस्सा है, इसलिए पैसेंजर्स को सस्ती और भरोसेमंद सर्विस मिलेगी।
ड्राइवर्स को कुल किराए का 80% से ज्यादा हिस्सा मिलेगा। यानी, ड्राइवर्स की कमाई बढ़ेगी। अभी ज्यादातर प्राइवेट एप्स में कमीशन ज्यादा कटता है, जिससे ड्राइवर्स की कमाई कम हो जाती है। लॉन्च से पहले ही दिल्ली में करीब 56,000 ड्राइवर्स रजिस्टर कर चुके हैं।
पहले चरण में इसे दिल्ली के अलावा राजकोट, मुंबई, पुणे, भोपाल, लखनऊ और जयपुर सहित 20 से अधिक शहरों में लॉन्च किया जाएगा। अकेले दिल्ली में 40 केंद्रों पर रोजाना लगभग 2,000 ड्राइवर इस ऐप के साथ जुड़ रहे हैं।
दूसरे एप्स की तरह भारत टैक्सी एप में भी रियल-टाइम व्हीकल ट्रैकिंग मिलेगी। सेफ्टी और रिलायबिलिटी के लिए प्लेटफॉर्म सिर्फ वेरिफाइड ड्राइवर्स को ही ऑनबोर्ड करेगा और 24 घंटे कस्टमर सपोर्ट देगा। एप कई भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करेगा।
ओला-उबर से कैसे अलग है भारत टैक्सी?
सर्ज प्राइसिंग नहीं होगी: ओला-उबर में पीक टाइम या बारिश में किराया अचानक 2-3 गुना बढ़ जाता है। भारत टैक्सी में किराया स्थिर रखने की कोशिश होगी, ताकि पैसेंजर्स को महंगा न पड़े।
ड्राइवर्स को ज्यादा कमाई: भारत टैक्सी में ड्राइवर्स को कुल किराए का 80% से ज्यादा हिस्सा मिलेगा। ओला-उबर में कमीशन ज्यादा कटता है, जिससे ड्राइवर्स की नेट कमाई कम रहती है।
सरकारी सपोर्ट और भरोसा: भारत टैक्सी सरकारी पहल का हिस्सा है, इसलिए ट्रांसपेरेंसी और रेगुलेशन ज्यादा होगा। ओला-उबर पूरी तरह प्राइवेट कंपनियां हैं।
भारत टैक्सी पहला राष्ट्रीय सहकारी राइड हेलिंग प्लेटफार्म है, जिसे सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन ने तैयार किया है। इसमें ड्राइवर भी सह-मालिक होंगे। इसके लिए सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड के साथ बीते दिनों एमओयू हो चुका है।

