लखनऊ 08 दिसंबर। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नए साल की शुरुआत नौकरशाही में बड़े बदलाव के साथ करने जा रही है। प्रदेश में 24 आईएएस अधिकारियों को पदोन्नति का तोहफा मिलने वाला है। एक जनवरी से यह पदोन्नतियां प्रभावी होंगी। इसके लिए मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक पूरी हो चुकी है। इस बार 25 वर्ष की बेदाग सेवा का मानक पूरा करने वाले 2001 बैच के चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नति दी जाएगी।
आईएएस शशि भूषण लाल सुशील देवीपाटन के मंडलायुक्त पद पर नियुक्त हैं। वे 2001 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। शशि भूषण लाल सुशील मूल रूप से सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1973 को हुआ। सीनियर आईएएस की शादी चर्चित माफिया इंजीनियर यादव सिंह की बड़ी बेटी गरिमा सिंह से हुई है। इनकी पहली नियुक्ति 1 जून 2002 को असिस्टेंट मजिस्ट्रेट लखनऊ के रूप में हुई थी।
अक्टूबर 2012 में आईएएस शशि भूषण लाल सुशील पर गंभीर आरोप लगे थे। इसके बाद उन्हें निलंबन झेलना पड़ा था। राज्य सरकार अब इस चर्चित आईएएस अधिकारी को प्रधान सचिव पद पर प्रोन्नत करने जा रही है।
सीनियर आईएएस और नगर विकास विभाग में सचिव पद पर तैनात अजय कुमार शुक्ला भी प्रधान सचिव पद पर प्रोन्नह होंगे। अजय कुमार शुक्ला भी 2001 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह लंबे समय तक निर्वाचन विभाग में तैनात थे। उन्हें राज्य निर्वाचन अधिकारी बनाया गया था। बाद में उन्हें नगर विकास विभाग में भेजा गया।
सीनियर आईएएस अपर्णा यू अभी यूपी सरकार में चिकित्सा शिक्षा सचिव पद पर तैनात हैं। आईएएस अपर्णा यू यूपी कैडर की 2001 बैच की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। चिकित्सा शिक्षा सचिव और नेशनल हेल्थ मिशन की निदेशक शामिल हैं। उनका नाम आंध्र प्रदेश में प्रतिनियुक्ति के दौरान एक कौशल विकास घोटाले और उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के पेंशन घोटाले में भी शामिल रहा है। मामले में सीबीआई जांच चल रही है। उन्हें भी प्रमोशन का लाभ मिलने वाला है।
यूपी राजस्व बोर्ड के सदस्य और सीनियर आईएएस अधिकारी एसवीएस रंगाराव को भी प्रधान सचिव पद पर प्रमोट करने को मंजूरी दे दी गई है। वे 2001 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इन चारों के नामों पर डीपीसी में सहमति बन चुकी है। इन्हें अब स्वतंत्र विभागों की जिम्मेदारी दिए जाने की भी तैयारी है।
डीपीसी ने वर्ष 2010 बैच के 20 IAS अधिकारियों को विशेष सचिव से सचिव के पद पर पदोन्नत करने की मंजूरी दी है। इस बैच में अधिकांश अधिकारी विशेष सचिव के रूप में तैनात हैं, जबकि दुर्गा शक्ति नागपाल वर्तमान में लखीमपुर खीरी की DM हैं और एकमात्र अधिकारी हैं जो जिलाधिकारी पद पर कार्यरत हैं। सचिव बनने के बाद इन अधिकारियों को मंडलायुक्त या स्वतंत्र विभागीय दायित्व मिलने की संभावना है।
डीपीसी में अन्य बैचों पर भी विचार किया गया। इसमें 2013 बैच के चयन ग्रेड के लिए एक अधिकारी का नाम को मंजूरी दी गई है। वहीं, 2017 बैच के प्रशासनिक ग्रेड पे के लिए एक अधिकारी का नाम पर भी आवश्यक मंजूरी दी गई है। नियुक्ति विभाग जल्द पदोन्नति से संबंधित आदेश जारी करेगा, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी माना जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, नए प्रमुख सचिवों को स्वतंत्र विभागों की कमान सौंपी जाएगी। सचिव बनाए जाने वाले अधिकारियों को मंडलायुक्त के महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती मिल सकती है। कई जिलों में डीएम स्तर पर भी बदलाव संभव हैं।

