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    Home»देश»मनमोहन ढल जी नेत्र के साथ ही अंगदान कराने का शुरू करिए काम, शरीर का हर अंग किसी ना किसी के आ सकता है काम
    देश

    मनमोहन ढल जी नेत्र के साथ ही अंगदान कराने का शुरू करिए काम, शरीर का हर अंग किसी ना किसी के आ सकता है काम

    adminBy adminNovember 27, 2025No Comments8 Views
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    नागरिकों की अच्छी सोच कहें अथवा सरकार जनप्रतिनिधियों महापुरूषों की प्रेरणा वर्तमान समय में ज्यादातर नागरिक कमजोर असहायों की मदद के लिए अन्नदान और अन्य खाद्य सामग्री दान करते हैं। दूसरी तरफ आज हम बेकार चीजों को कूड़े में ना फेंककर बेचकर या दूसरों को देने की सोच को आगे बढ़ाते हैं। दोस्तों जीवन और शरीर की सबसे बड़ी जरूरत हम अंगदान करने में पीछे क्यों हैं। आज हम राष्ट्रीय अंगदान दिवस मना रहे हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि मरने के बाद शरीर को जलाकर राख बनाने या दफन करने से भले ही हमारी संतुष्टि होती हो लेकिन अगर हम ऐसा ना कर शरीर को जिला अस्पताल को दान कर दें तो हमारे शरीर का हर अंग किसी ना किसी के काम आता है क्योंकि अस्पतालों में एक सूची होती है जिसमें किसको कौन से अंग की जरूरत है। अगर हम अपना मृत शरीर दान करते हैं तो उसके अंग किसी के काम आते हैं जिससे हम दूसरों की आखों से दुनिया देखते हैं और अन्य अंगों से अपने जीने का अहसास करते हैंं। कुल मिलाकर कहने का मतलब है कि हम परिचितों रिश्तेदारों से यह आग्रह जरूर करें कि वो और उनके बच्चे अंगदान का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। पिछले कुछ सालों में नेत्रदान की खबरें पढ़ने को मिली और इसका श्रेय पूर्व पार्षद द्यद्मह्यश्द्म4 द्गद्धद्घरू;द्म ,द्यद्मह्यद्घद्य,श्द्मह्व ,द्य,द्ग, स्रह्य द्यठ्ठरु; मनमोहन ढल को देख सकते हैं। इनके द्वारा काफी संख्या में नागरिकों को प्रोत्साहित कर नेत्रदान कराया जा चुका है। मेरा आग्रह है कि मनमोहन ढल जिस प्रकार नेत्रदान के लिए सक्रिय रहते हैंं उसी प्रकार अंगदान के लिए नागरिकों को प्रेरित करने के लिए एकत्रित करें और उन्हें इसके फायदे बताकर रजिस्ट्रेशन कराएं। क्योंकि ऐसे बहुत लोग मिलेंगे जो अंगदान करना चाहते हैं लेकिन फुर्सत ना होने के चलते यह सोचकर कि बाद में करा लेंगे रजिस्ट्रेशन नहीं कराते। इसलिए मनमोहन ढल आप मरणोपरांत शरीर दान का अभियान चलवाएं तो अंगदान दिवस पर लिया गया हर व्यक्ति का मानवहित का फैसला होगा।
    (प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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