रीवा 20 नवंबर। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस जरूरी हो गया। इसके बाद रीवा में शिक्षा विभाग ने तीन ऐसे शिक्षकों को नोटिस भेजा है, जिनकी मौत महीनों और सालों पहले हो गई है। इस नोटिस के जरिए उन्हें चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने तीन दिन के अंदर ऐप पर हाजिरी नहीं लगाई तो उनका वेतन काट लिया जाएगा।
दरअसल, रीवा के सरकारी रिकॉर्ड में ये मरे हुए शिक्षक ‘मौजूद’ थे, लेकिन ई-अटेंडेंस में ‘गैरहाजिर’ पाए गए। हाल ही में मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ई-अटेंडेंस सिस्टम को लेकर सख्ती बरतने वाले शिक्षा विभाग ने ऐसे 1,500 से ज्यादा शिक्षकों को नोटिस भेजे थे, जो रोज हाजिरी नहीं लगा रहे थे। इसी लिस्ट में तीन ऐसे नाम भी शामिल थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
विभाग ने इन शिक्षकों से तीन दिन के अंदर मोबाइल ऐप पर हाजिरी न लगाने का कारण बताने को कहा था, वरना वेतन कटौती की चेतावनी दी थी। इस डिजिटल युग के नाटक में, शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी करने से पहले एक छोटी सी बात भूल गया- यह जांचना कि कौन जीवित है और कौन नहीं।
वहीं, जिन शिक्षकों को नोटिस मिला, उनमें देवत दिन कोल, जिनकी मौत 2023 में हुई थी; छोटेलाल साकेत, जिनकी मौत इसी साल हुई थी और रामगरीब दीपंकर, जिनकी भी मौत हो चुकी है। इन तीनों को ऐसे नोटिस भेजे गए, जिनमें साफ तौर पर कहा गया था कि हाजिरी लगाओ वरना वेतन कटेगा। यह विडंबना ही थी कि विभाग ने उन्हें ऐप पर ‘गैरहाजिर’ घोषित कर दिया था, लेकिन कागजों में वे सरकारी रिकॉर्ड में बाकायदा ‘मौजूद’ थे।
हालांकि, अधिकारियों ने इस पूरे मामले को डेटा अपडेट की गलती बताकर जल्दी से संभाला। जिला शिक्षा अधिकारी राम राज मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि शिक्षा पोर्टल पर कई एंट्री अपडेट नहीं हुई थीं। उन्होंने इसका ठीकरा क्लस्टर प्रिंसिपलों द्वारा अपलोड की गई पुरानी जानकारी पर फोड़ा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस गलती को जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। उन्होंने इसे कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं, बल्कि एक “चूक” बताया।

