लोकसभा चुनाव हो रहे हैं तो परिणाम भी आएंगे और सभी पार्टियों के कुछ ना कुछ उम्मीदवार जीतेंगे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं द्वारा जो सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं मतदाताओं को उन्हें सही नहीं कही जा सकता। मेरा मानना है कि अभी जहां तक संभावनाएं है। अपने दम पर कोई क्षेत्रीय दल सरकार बना पाएगा यह संभव नहीं है। ऐसे में किसी को लखपति बनाने किसी को आटा और डाटा बिजली मुफ्त देने अथवा नए राज्य बनाने की जो घोषणाएं की जा रही हैं इस समय के अनुसार वो सही नहीं कही जा सकती। जब आशाएं टूटती हैं तो चाहे वह नेताओं के वादों की हो या परीक्षा परिणाम या व्यापार में नुकसान की हर आदमी दुखी और निराश हो जाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मुझे लगता है कि क्षेत्रीय दल हो या राष्ट्रीय किसी को भी ऐसा वादा नहीं करना चाहिए जो सत्ता में आने के बाद भी पूरा ना हो सके। राजनेता मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने की बजाय वो कहें जिसे वो पूरा कर सकते है। उन्हें लगता है कि वादों को निभाएंगे तो सवाल उठता है कि जिन प्रदेशों में इनकी सरकारें चल रही हैं और जो दल देश में सरकार चला रहा है वो अभी तक यह सुविधा अपनी सरकार वाले प्रदेशों के नागरिकों को उपलब्ध क्यों नहीं करा पाए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
नागरिकों को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाना बंद करें नेता
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