नोएडा 06 नवंबर। नोएडा प्राधिकरण ने बकाया वसूली को लेकर सख्त रुख अपनाया है. राहत पैकेज के तहत बकाया राशि जमा करने की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है, लेकिन कई बिल्डर अब तक रकम नहीं जमा कर पाए हैं. ऐसे में प्राधिकरण ने 43 बिल्डर परियोजनाओं के मालिकों को नोटिस जारी कर अंतिम बार याद दिलाया है. अब प्राधिकरण आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. शासन से बोर्ड मिनट्स आते ही इनसे राहत वापस ले ली जाएगी। इसके अलावा जिन बिल्डर परियोजनाओं के डेवलपर ने रुपए जमा नहीं किए है उनके खिलाफ आरसी जारी की जाएगी।
दरअसल, अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत बिल्डर को राहत पैकेज दिया गया था। इसकी समय सीमा को पहले भी बढ़ाया गया था। प्राधिकरण चेयरमैन ने 31 अक्टूबर की लास्ट डेड दी थी। जिसकी मियाद पूरी हो चुकी है। प्राधिकरण ने बताया कि जिओ में बदलाव या राहत का वापस लेने का फैसला शासन स्तर पर ही होगा। ऐसे में बोर्ड मिनट्स आने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर यूपी सरकार ने 21 दिसंबर 2023 को राहत पैकेज संबंधी शासनादेश जारी किया था. इसके तहत पहले चरण में उन 57 बिल्डर परियोजनाओं को शामिल किया गया था जिनका कोई मामला न्यायालय में लंबित नहीं था.
मार्च-अप्रैल 2024 से इन बिल्डरों ने बकाया राशि जमा करनी शुरू की थी. इनमें से 35 बिल्डरों ने केवल 25 प्रतिशत रकम जमा की और आगे की किस्तें नहीं दीं. राहत पैकेज के नियमों के मुताबिक, 100 करोड़ रुपये तक के बकायेदारों को एक वर्ष में पूरी राशि जमा करनी थी, परंतु अधिकांश ने ऐसा नहीं किया. इसके अलावा 12 परियोजनाओं के बिल्डरों ने आंशिक भुगतान किया है, जबकि 10 बिल्डरों ने कोई राशि नहीं जमा की. इन सभी 57 परियोजनाओं पर प्राधिकरण का लगभग 5,500 करोड़ रुपये बकाया है.
हाल में हुई बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार ने बिल्डरों को 31 अक्टूबर तक की अंतिम मोहलत दी थी. अब समय सीमा समाप्त होने के बाद राहत पैकेज समाप्त कर दिया गया है. शासन स्तर से निर्देश मिलने के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

