Date: 23/12/2024, Time:

हलाल मामले में मुस्लिम धर्मगुरु मदनी पर कसता जा रहा एसटीएफ का शिकंजा

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लखनऊ 11 मई। अवैध तरीके से हलाल सर्टिफिकेट बांटने के मामले में यूपी एसटीएफ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष एवं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना महमूद असद मदनी से 15 दिन पहले फिर पूछताछ की है। एसटीएफ के सूत्रों की मानें तो पूछे गए सवालों का मदनी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जांच में सामने आए तथ्यों का भी उनके बयान से मिलान नहीं हो रहा है। जिसके बाद एसटीएफ उनके खिलाफ जल्द सख्त कानूनी कार्रवाई कर सकती है वहीं दूसरी ओर इस मामले में मदनी से जुड़े कुछ राजनेताओं का नाम भी सामने आ रहा है।

बता दें कि महमूद मदनी से एसटीएफ ने फरवरी माह में दो दिन तक लगातार पूछताछ की थी। एसटीएफ ने हलाल सर्टिफिकेट बांटने वाली संस्थाओं की अवैध कमाई को शेल कंपनियों में ट्रांसफर करने के अहम प्रमाण जुटाने के बाद मदनी को अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पूछताछ के लिए तलब किया था। जब एसटीएफ ने कंपनियों से जुड़े दस्तावेज उनके सामने रखकर सख्ती से पूछताछ की तो वह खुद को बेकसूर बताने लगे।

सूत्रों की मानें तो उन्होंने विवेचक को कुछ गलत जानकारियां देकर गुमराह करने का प्रयास भी किया। दरअसल, मौलाना मदनी हलाल संस्थाओं से जुड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं जिसकी वजह से उनसे पूछताछ की जा रही है।

बताते चलें कि बीते वर्ष 18 नवंबर को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने पूरे प्रदेश में हलाल उत्पादों की बिक्री की सूचना पर छापे मारने के बाद प्रतिबंध लगा दिया था। राजधानी की हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं चेन्नई की हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की जमीयत उलेमा हिंद हलाल, मुंबई की हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

ईडी भी जल्द केस करेगा दर्ज
वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी हलाल सर्टिफिकेट बांटने वाली संस्थाओं के खिलाफ मनी लॉन्डिंग एक्ट एक्ट के तहत केस दर्ज करने की तैयारी में है। इंडी के जोनल कार्यालय ने इस बाबत एसटीएफ से तमाम अहम जानकारियां जुटाने के बाद मुख्यालय से केस दर्ज करने की अनुमति मांगी है। दरअसल, हलाल सर्टिफिकेशन से हुई अवैध कमाई को शेल कंपनियों के जरिए डायवर्ट करके मनी लॉन्ड्रिंग अंजाम देने की आशंका जताई जा रही है।

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