लखनऊ, 01 नवंबर। हरदोई का ग्राम पंचायत अधिकारी सालों से फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने का गिरोह चला रहा था।एसटीएफ ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत अधिकारी को दुबग्गा और उसके चार साथियों को गोण्डा से गिरफ्तार कर लिया। चार आरोपी एक ही परिवार के हैं। इनमें दो भाई, उनका पिता और परिवार का एक अन्य सदस्य है। गिरोह अब तक 1.40 लाख जन्म और 25 हजार से अधिक मृत्यु प्रमाणपत्र बना चुका था। यह प्रमाणपत्र हूबहू सरकारी जैसे ही दिखते थे। इनका प्रयोग जमीनों के बैनामे, वसीयत व धोखाधड़ी में किया जा रहा था।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी सुधांशु शेखर के मुताबिक गिरफ्तार गिरोह का सरगना व ग्राम पंचायत अधिकारी लाल बिहारी है। वह लखनऊ का रहने वाला है। वह हरदोई के अहरौली में तैनात है। साथियों में गोण्डा का रवि वर्मा, भाई सोनू वर्मा, पिता वंशराज, सत्यरोहन हैं। लाल बिहारी इन्हीं से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाता था। पूछताछ में उन्होंने रवि वर्मा के साथ साठगांठ कबूल की। रवि और सोनू वर्मा ने वेबसाइट-पोर्टल बनाने की बात स्वीकारी।
प्रत्येक जन्म प्रमाणपत्र के लिए 600 से 1000 रुपये वसूले जाते थे, जिसमें से रवि वर्मा अपने पिता के खाते में यूपीआई से 30 रुपये प्रति जन्म प्रमाणपत्र और 70 रुपये प्रति मृत्यु प्रमाणपत्र ट्रांसफर करता था।
आरोपियों के कब्जे से बरामद सामान में 5 मोबाइल फोन, 14 आयुष्मान कार्ड, 7 एटीएम कार्ड, 25 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, 5 फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र, 27690 रुपये नकद, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 1 हार्ड डिस्क और एक वैगनआर कार (यूपी 14 सीएल 6208) शामिल हैं।
जांच में पता चला कि रवि वर्मा के खिलाफ गोंडा कोतवाली में धोखाधड़ी, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत पहले से मुकदमा (495/2022) दर्ज है। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ लखनऊ साइबर थाने में मुकदमा नंबर 175/2025 धारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2) बीएनएस एवं आईटी एक्ट की धारा 66C, 66D, 73, 74 के तहत दर्ज किया गया है।

