न्यूयार्क, 24 अक्टूबर। गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने अपनी क्वांटम कंप्यूटिंग चिप ‘विलो’ पर नया एल्गोरिदम ‘क्वांटम ईकोज’ बनाया है, जो सुपरकंप्यूटर से 13 हजार गुना तेज है। अगले पांच वर्षों में इसके उपयोग में आने की संभावना है। गूगल ने इस चिप को 2024 में प्रस्तुत किया था।
प्रसिद्ध जर्नल ‘नेचर’ ने प्रकाशित इस शोध को गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इसे सुपरकंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक निर्णायक कदम बताया है। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा कि ‘विलो’ चिप ने पहली बार सत्यापित की जा सकने वाली क्वांटम श्रेष्ठता हासिल की है। यह एल्गोरिदम भविष्य में मेडिसिन और मटेरियल साइंस में नई संभावनाओं के द्वार खोल सकता है।
क्वांटम कंप्यूटिंग के व्यावहरिक उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
सुंदर पिचाई ने आगे कहा कि इसके परिणामों को अन्य क्वांटम कंप्यूटरों द्वारा भी दोहराया जा सकता है या प्रयोगों से प्रमाणित किया जा सकता है। इससे क्वांटम कंप्यूटिंग के व्यावहरिक उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अभी तक क्वांटम कंप्यूटिंग एल्गोरिदम को दूसरे कंप्यूटर या प्रयोगों में दोहराना एक बड़ी चुनौती थी। इसको लेकर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी गूगल को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि क्वांटम कंप्यूटिंग प्रासंगिक होती जा रही है।
गूगल ने बताया ‘क्वांटम स्कोप’
गूगल ने कहा कि जैसे टेलीस्कोप और माइक्रोस्कोप ने हमें अदृश्य दुनिया की झलक दिखाई थी, वैसे ही यह प्रयोग हमें ‘क्वांटम स्कोप’ की दिशा में ले जा रहा है। यह प्रकृति के उन रहस्यों को दिखा सकेगा, जिन्हें अब तक कोई नहीं देख पाया। इससे अणु, चुंबक या ब्लैक होल की संरचना समझने में मदद मिल सकती है।

