आगरा 07 अक्टूबर। ताजनगरी में पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ एक्शन लिया गया है. इंस्पेक्टर क्राइम सिकंदरा शैलेंद्र सिंह और दो दरोगा समेत छह पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं. इसके साथ ही यूपी 112 में तैनात दो आरक्षी चालकों को लाइन हाजिर भी किया गया है. इन कार्रवाईयों के पीछे ये बड़ी वजहें सामने आई हैं. पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार का कहना है कि आगे भी एक्शन जारी रहेगा.
बता दें कि पिछले दिनों पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने हेल्पलाइन नंबर 7839860813 जारी किया था. यह नंबर किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए है. हेल्पलाइन नंबर जारी करने से पहले पुलिस कर्मियों की बैठक भी बुलाई गई थी. जिसमें चेतावनी दी गई थी. हेल्पलाइन नंबर पर सात दिन में 500 से अधिक फोन आए. पुलिस ही नहीं दूसरे विभागों और जनपदों की शिकायतें भी आने लगीं.
इस नंबर पर सिकंदरा थाना के इंस्पेक्टर क्राइम शैलेंद्र सिंह के खिलाफ एक पीड़ित ने शिकायत की थी. साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. कमिश्नर के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए. डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने शैलेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया.
ऐसे ही डीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि निबोहरा थाना में तैनात दरोगा सुमित राठी व फतेहाबाद थाना में तैनात दरोगा ज्ञान प्रकाश के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर जांच कराई. प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए. दोनों को निलंबित कर दिया गया. ऐसे ही यूपी 112 में तैनात मुख्य आरक्षी रिंकू, आरक्षी संजीव कुमार व आरक्षी हरपाल सिंह के खिलाफ शिकायत थी. तीनों को निलंबित किया गया.
बताया कि यूपी 112 में तैनात आरक्षी चालक अभिलाख और आरक्षी चालक राहुल सिंह को लाइन हाजिर करके आगे की कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट बनाई है. क्योंकि, आरक्षी अभिलाख की मूल तैनाती अलीगढ़ में है, वह आगरा में संबद्ध था. ऐसे ही राहुल सिंह पीएसी गोंडा से आगरा यूपी 112 में संबद्ध हुआ था. इसलिए, दोनों की रिपोर्ट उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजी जा रही है. शिकायत में दोनों पर ऐसे ही आरोप हैं.
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि कमिश्नरेट के तीनों जोन डीसीपी सिटी, डीसीपी पूर्वी और डीसीपी पश्चिम को निर्देश दिए हैं कि भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों की शिकायत मिलने पर प्रारंभिक जांच के बाद मुकदमे भी लिखाएं. पीड़ित व्यक्ति पुलिसकर्मी के खिलाफ डिजिटल साक्ष्य दे तो तत्काल मुकदमा लिखवाएं. आरोपित पुलिस कर्मी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जेल भेजें.