लखनऊ 27 सितंबर। महानगर स्थित 35वीं वाहिनी पीएसी के शहीद भगत सिंह तरणताल में शुक्रवार को 54 वर्षीय इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी की संदिग्ध हालात में डूबने से मौत हो गई। घटना के करीब पांच घंटे बाद एसडीआरएफ की मदद से उनका शव बाहर निकाला गया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सेंगर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। फारेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किए। अश्विनी चतुर्वेदी अच्छे तैराक थे? तो कैसे डूब गए? ऐसे तमाम सवालों का पता पुलिस लगा रही है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मध्य आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सीसी फुटेज की मदद से जांच की जा रही है।
डीसीपी ने बताया कि इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी मूल रूप से अम्बेडकर नगर के राजे सुलतानपुर के निवासी थे, लेकिन उन्होंने बनारस में एक घर ले लिया था और उनका परिवार वहीं रहता था। अश्विनी 1998 बैच के दारोगा भर्ती हुए थे और वर्तमान में पुलिस आयुक्त की क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा में तैनात थे।
जांच में सामने आया कि अश्विनी रोजाना की तरह सुबह सात से आठ बजे के बीच तरणताल में स्विमिंग करने गए थे। जब बैच का समय पूरा हुआ, तो पुलिस और पीएसी के तैराक चले गए। करीब साढ़े नौ बजे कोच अनिल कुमार कर्मचारियों के साथ मिलकर चेंजिंग रूम आदि बंद करा रहे थे, तभी उन्होंने पूल के पास अश्विनी का बैग, कपड़े और चप्पल देखे, जिससे उनकी खोजबीन शुरू की गई।
करीब दस बजे उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई और गोताखोरों की मदद से खोजबीन शुरू की गई। हालांकि, करीब दस फीट गहराई तक खोजने के बाद भी कुछ पता नहीं चला। इसके बाद एसडीआरएफ को सूचना दी गई और उनके गोताखोर पहुंचे।
एसडीआरएफ के गोताखोरों ने आक्सीजन मास्क पहनकर करीब डेढ़ बजे इंस्पेक्टर अश्विनी का शव बरामद किया। शव करीब पांच घंटे तक पानी में रहने के कारण अकड़ गया था। पुलिस ने घटना की जानकारी इंस्पेक्टर अश्विनी के परिवार को दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आत्महत्या, हादसा या साजिश सभी संभावनाओं पर जांच चल रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर मौत के सही कारण का पता चलेगा। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अश्विनी को ब्लड प्रेशर और हार्ट की समस्या थी। डॉक्टर ने पीठ में दर्द रहने के कारण लंबे समय तक तैरने से मना किया था। बावजूद इसके वह रोज स्विमिंग करने जाते थे।