नई दिल्ली 30 अगस्त। उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ चर्चाओं में बने हुए थे। अब वह एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। खबर है कि जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा में पेंशन के लिए आवेदन किया है। वह अजमेर के किशनगढ़ विधानसभा सीट से 1993 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं, ऐसे में अब उन्होंने पेंशन के लिए आवेदन किया है।
जगदीप धनखड़ 1989-91 के दौरान राजस्थान में झुंझुनू (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से 9वीं लोकसभा में जनता दल से सांसद चुने गए थे। इसके बाद वह 1993 में राजस्थान के किशनगढ़ से 10वीं विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं। इसके साथ ही वह चंद्रशेखर की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 20 जुलाई 2019 को उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
नियमों के अनुसार, जगदीप धनखड़ को राजस्थान विधानसभा से पेंशन मिलनी चाहिए। ऐसे में उन्होंने आवेदन भेज दिया है। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने धनखड़ के पेंशन से संबंधित आवेदन की पुष्टि की है और कहा है कि उनके आवेदन पर प्रक्रिया जारी है।
राजस्थान में पूर्व विधायकों को 35 000 रुपये पेंशन मिलती है. 70 साल से ज्यादा उम्र के पूर्व विधायकों को 20 फीसदी ज्यादा पेंशन दी जाती है. जगदीप धनखड़ 74 साल के हैं इसलिए उन्हें अब 42 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. इसके साथ ही बस यात्रा, इलाज और सरकारी गेस्ट हाउस में कम किराए पर रुकने की सुविधा भी मिल सकेगी.
झूंझनू सीट से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं पूर्व उपराष्ट्रपति
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने से पहले जगदीप धनखड़ 1989 से 1991 तक राजस्थान के झूंझनू सीट से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी मिली थी. साल 2019 से 2022 तक वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे और इस दौरान वहां की मुख्यमंत्री ममता बुनर्जी के साथ राजभवन के टकराव की खबरें अक्सर सामने आती थी. जगदीप धनखड़ 2022-25 तक भारत के उपराष्ट्रपति पद पर रहे.
बता दें कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद देश की राजनीति गरमा गई. इस्तीफे के बाद वह किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिखे और न ही उनका कोई बयान सामने आया.