आजमगढ़ 18 अक्टूबर। हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह अपनी मेहनत की कमाई से गाड़ी खरीदे, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं, जो पैसों की वजह से अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं. ऐसे ही आजमगढ़ में भी एक ऐसे शख्स ने महिंद्रा थार खरीदने का सपना देखा था, लेकिन पैसों की कमी के कारण वह यह गाड़ी खरीदने में असमर्थ थे. इसके बाद भी उन्होंने अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने का दृढ़ संकल्प ले रखा था. इसी संकल्प ने उन्हें अपनी खुद की मिनी थार बनाने पर मजबूर कर दिया. आजमगढ़ के इस शख्स ने अपना सपना पूरा करने के लिए अपने हाथों से मिनी थार बना डाली. यह थार देखने में भी बहुत ही आकर्षक लग रही है. इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ पहुंच रही है.
आजमगढ़ के बिजौरा गांव के निवासी प्रवेश मौर्य पेसे से एक मोटर मैकेनिक हैं. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर अपना सपना पूरा करने के लिए 8 महीने में मात्र 2.5 लाख रुपए की लागत से फोर व्हीलर गाड़ी बना डाली. उन्होंने इस गाड़ी का नाम ‘मिनी थार’ रखा है.
मैकेनिक प्रवेश का सपना था कि वह थार खरीदेंगे, लेकिन पैसों की कमी के कारण वह थार खरीदने में असमर्थ रहे. इसके बाद उन्होंने अपने हाथों से थार बनाकर अपने इस सपने को साकार कर लिया.
प्रवेश मौर्य द्वारा बनाई गई यह गाड़ी एक बार चार्ज करने पर अधिकतम 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से 100 किलोमीटर तक आराम से चल सकती है. उनके द्वारा बनाई गई इस मिनी थार में चार लोग बेहद आराम से सवारी कर सकते हैं. इसके अलावा यह गाड़ी भारी भरकम सामानों को भी आसानी से ढोने में सक्षम है. इस गाड़ी को बनाने में उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए गियर भी लगा रखा है, जिससे यह गाड़ी हैवी लोड को उठाकर आसानी से चल सके.
प्रवेश मौर्य ने बताया कि वह कम लागत में गाड़ी को बनाना चाहते थे, इसके अलावा उसे चलाने में भी कम से कम खर्च आए. इसलिए उनके दिमाग में बैटरी वाली थार बनाने का आइडिया आया. उन्होंने बताया कि गाड़ी में मोटर और कंट्रोलर ई-रिक्शा का इस्तेमाल किया गया है. गाड़ी अधिक से अधिक दूरी तय कर सके और ज्यादा से ज्यादा माइलेज दे सके. इसलिए गाड़ी में हर जगह एलईडी बल्ब का इस्तेमाल किया गया है.
प्रवेश मौर्य का कहना है कि यदि प्रशासन द्वारा उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है, तो वह आगे इस गाड़ी को कृषि क्षेत्र में भी उपयोगी बना सकते हैं. उनका कहना है कि यदि इस गाड़ी के मॉडल को कृषि क्षेत्र के लिए उपयोग किया जाए तो वह किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. जहां किसान कम लागत में खेती कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकारी मदद मिलती है तो वह भविष्य में इसे खेतों की जुताई समेत कार्यों के उपयोग के लिए बनाएंगे.