मुजफ्फरनगर 01 अक्टूबर। नई मंडी कोतवाली के मालखाने से 19 लाख नकद, जेवरात और तमंचे व कारतूस गायब हो गये। पुलिस अधिकारी दो साल तक मामला छिपाए रहे। कमेटी की जांच पड़ताल के बाद माल मोहर्रिर (दीवान) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
तत्कालीन इंस्पेक्टर दिनेश बघेल की तहरीर पर दर्ज मुकदमे में बताया गया कि 29 सितम्बर 2017 से 31 मार्च 2023 तक नई मंडी कोतवाली में नरेन्द्र कुमार सिरोही माल मोहर्रिर रहे। वह मंडी कोतवाली से ही प्रमोशन पाकर उप निरीक्षक के पद से रिटायर्ड हुए। आरोप है कि 31 मार्च 2023 को रिटायर्ड होने के उपरांत भी उन्होंने कोतवाली के नए हेड मोहर्रिर को मालखाना का पूरा चार्ज नहीं दिया। उन्हें कई बार कोतवाली प्रभारी ने नोटिस भी जारी किए।
20 जुलाई 2024 को सीओ नई मंडी ने कोतवाली का निरीक्षण किया। माल कम पाए जाने पर रिटायर्ड नरेन्द्र सिरोही को कोतवाली बुलाकर मालखाना का माल पूरा कराने के निर्देश दिए। नवम्बर 2024 व 23 जनवरी 2025 को भी नोटिस भेजने पर भी माल पूरा नहीं कराया गया। नौ फरवरी 2025 को आरोपी के नाम नोटिस तामील कराया। डीआईजी सहारनपुर ने 21 फरवरी को एसएसपी को कमेटी गठित करने के आदेश दिए। गठित कमेटी ने लिस्ट तैयार करने के बाद मालखाने का चार्ज कोतवाली के हेड मोहर्रिर ब्रज कुमार को सौंप दिया।
कमेटी की जांच में 19 लाख 79 हजार 140 रुपये नकद, आभूषण और कारतूस एवं तमंचे कम पाए गए। 24 अप्रैल और 24 जुलाई को भी नोटिस तामील कराने पर भी आरोपी माल मोहर्रिर कोतवाली में नहीं पहुंचे तब आरोपी नरेन्द्र कुमार सिरोही के खिलाफ मालखाने से माल का गबन होने की रिपोर्ट एसएसपी को एक अगस्त 2025 को भेजी गई। एसएसपी के आदेश पर नई मंडी कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
बताया गया कि मालखाने से 17 लाख रुपये पुराने मिले हैं, जो नोटबंदी के समय के है। उन्हें बदलवाना था लेकिन ऐसा नही किया गया। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।