नई दिल्ली 22 सितंबर। वस्तु एंव सेवा कर यानी GST में आज से एक बड़ा बदलाव लागू किया गया हैं। जीएसटी की नई दरें आज से लागू हो गई हैं। नई दरों के लागू हो जाने के बाद कई रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। इनमें खाने-पीने की चीजों के अलावा कार, टीवी और बाइक शामिल हैं। त्योहारी सीजन में लोग इनकी जमकर खरीदारी करते हैं। लेकिन कुछ चीजें आज से महंगी भी हो रही हैं। मसलन 2,500 रुपये से महंगे कपड़ों पर अब 18% जीएसटी लगेगा जो पहले 12% था।
नई जीएसटी दरें के लागू होने के बाद जीवन बीमा पॉलिसियों पर छूट हो जाएगी। सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियाँ अब जीएसटी से मुक्त हैं। इसका सीधा फायदा आम लोगों को होने जा रहा है।
हेल्थ इश्योरेंस में भी छूट:
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर भी अब जीएसटी नहीं देना होगा। जिससे लोगों का टैक्स का पैसा उनकी जेब में रहेगा। जो आम लोगों के लिए राहत की बात है।
दवाओं को क्यों नहीं दी गई पूरी तरीके से जीएसटी से छूट:
वित्त मंत्रालय ने बताया कि दवाओं पर भले ही पूरी छूट ना मिली हो, लेकिन अब इसके 5 प्रतिशत वाले स्लैब में डाल दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि अगर दवाओं को पूरी तरह छूट दे दी जाती, तो निर्माता कच्चे माल और पैकेजिंग जैसे इनपुट पर आईटीसी का दावा करने की क्षमता खो देते।
किस प्रकार के दूध पर कितना जीएसटी:
डेयरी स्रोतों से प्राप्त अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) प्रकार के दूध पर पूरी तरीके से जीएसटी में छूट दी गई है। हालांकि, यह छूट वनस्पति-आधारित दूध पर लागू नहीं होती है। जीएसटी 2.0 के तहत, सोया दूध सहित सभी वनस्पति-आधारित दूध पेय पदार्थों पर अब एक समान 5 प्रतिशत कर लगेगा।
फेस पाउडर और शैंपू पर क्या होगा असर:
नए जीएसटी रिफॉर्म से फेस पाउडर और शैंपू की कीमतें कम हो जाएंगी। वित्त मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, दरों में कटौती बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि जीएसटी ढांचे को सरल बनाने के लिए की गई है।
रेंट पर जीएसटी का क्या असर:
बताया जाता है कि बिना ऑपरेटर के सामान को लीज पर लेने या किराए पर देने पर सामान पर लगने वाली दर के बराबर ही कर लगता है। सामान्य भाषा में समझें, तो अगर किसी कार की बिक्री पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, तो बिना चालक के उस कार को लीज या रेंट पर लेने पर भी 18 प्रतिशत कर लगेगा। यही सिद्धांत अन्य वस्तुओं पर भी लागू रहेगा।
आयात पर जीएसटी दरें:
जीएसटी 2.0 के तहत संशोधित दरें आयात पर भी लागू होंगी। एकीकृत जीएसटी (IGST) 22 सितंबर से नई दरों पर लगाया जाएगा। यह तब तक लागू रहेगा, जब तर कोई विशिष्ट छूट अधिसूचित ना किया जाए।
सड़क मार्ग से यात्री परिवहन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के बिना 5 प्रतिशत कर लगता रहेगा। वहीं, हवाई यात्रा के लिए, इकोनॉमी क्लास के टिकटों पर 5 प्रतिशत कर लगता रहेगा, जबकि बिजनेस और अन्य प्रीमियम क्लास पर 18 प्रतिशत कर लगता रहेगा।
स्थानीय डिलीवरी सेवाओं पर जीएसटी:
नए नियमों के अनुसार, यदि कोई स्थानीय डिलीवरी सेवाएं किसी बिना रजिस्टर्ड सेवा प्रदाता द्वारा ई-कॉमर्स ऑपरेटर से प्रदान की जा रही है। इस स्थिति में जीएसटी की देयता ई-कॉमर्स ऑपरेटर पर स्थानांतरित हो जाती है।
इन वस्तुओं पर लगेगा ‘0’ टैक्स
क्रं वस्तु
1 छेना -प्री पैक्ड और लेबल्ड
2 UHT (Ultra-High Temperature) दूध
3 पराठा और अन्य भारतीय ब्रेड (किसी भी नाम से)
4 पनीर प्री पैकेट और लेबल्ड
5 पिज्जा ब्रेड
6 खाखरा, चपाती या रोटी
7 एक्सरसाइज बुक
8 रबर
9 अनकोटेड पेपर और पेपरबोर्ड
10 ग्राफ बुक, लेबोरेटरी नोटबुक और नोटबुक्स
11 एगल्सिडेस बीटा
12 एप्टाकॉग अल्फा सक्रिय पुनः संयोजक जमावट कारक VIIa
13 ओनासेमनोजेन अबेपार्वोवेक
14 इमिग्लूसेरेज़
15 एस्किमिनिब
16 पेगीलेटेड लिपोसोमल इरिनोटेकन
17 मेपोलिज़ुमाब
18 टेक्लिस्टामैब
19 डारातुमुमाब / डारातुमुमाब उपचर्म
20 अमिवंतामब
21 रिस्डिप्लाम
22 एलेक्टिनिब
23 ओबिनुटुज़ुमैब
24 रिस्डिप्लाम
25 पोलाटुज़ुमैब वेडोटिन
26 एंट्रेक्टिनिब
27 एटेज़ोलिज़ुमाब
28 स्पेसोलिमैब
29 वेलाग्लूसेरेज़ अल्फा
30 एगल्सिडेस अल्फा
31 रुरियोक्टोकॉग अल्फा पेगोल
32 इडुरसल्फेटेज
33 एल्ग्लूकोसिडेस अल्फा
34 लारोनिडेज़
35 ओलिपुडेस अल्फा
इसके अलावा कई वस्तुओं को 5 फीसदी और 18 फीसदी की कैटेगरी में रखा गया है। इसके अलावा लग्जरी आइटम और हानिकारक वस्तुओं पर 40 फीसदी टैक्स लगेगा।
किसानों का क्या मिला?
ट्रैक्टर के टायर पार्ट्स, ट्रैक्टर, बायोपेस्टिसाइड और माइक्रोन्यूट्रिएंट, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और स्प्रिंकलर, एग्रीकल्चर हॉर्टिकल्चर फॉरेस्ट्री मशीनों और हार्वेस्टिंग और थ्रेसिंग की मशीनों पर अब 5% जीएसटी लगेगा। सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।
स्वदेशी पर जोर
मोदी ने कहा कि आज जाने-अनजाने में कई विदेशी चीजें हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई हैं, जिनका हमें पता भी नहीं है। हमें इनसे मुक्ति पानी होगी। हमें वो सामान खरीदना चाहिए जो मेड इन इंडिया हो, जिसमें हमारे लोगों की मेहनत और पसीना लगा हो, हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना होगा। गर्व से कहो कि ये स्वदेशी है, मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी सामान बेचता हूं, ये हर भारतीय का स्वभाव बनना चाहिए, ऐसा होने पर ही भारत विकसित होगा।