Date: 15/01/2025, Time:

मुस्लिम शिक्षिका ने छात्रों का तिलक पोंछवाया, निलंबित

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बिजनौर 26 अगस्त। उच्च प्राथमिक विद्यालय में मुस्लिम शिक्षिका द्वारा हिंदू समुदाय के बच्चों को तिलक लगाकर आने से मना करने का मामला प्रकाश में आया है। यही नहीं शिक्षिका ने विद्यार्थियों को चोटी न रखने और बढ़ी हुई चोटी कटवाने की भी चेतावनी दी है। वहीं, हिंदू शिक्षिका ने मुस्लिम समुदाय के बच्चों को टोपी न पहनकर निर्धारित ड्रेस में ही विद्यालय आने की सलाह दी है।

उच्च प्राथमिक विद्यालय भनेड़ा में कक्षा छह, सात और आठ में लगभग 335 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, जिनमें से करीब आधे-आधे दोनों समुदाय के विद्यार्थी शामिल हैं। गांव भनेड़ा स्थित विद्यालय में मुख्य अध्यापक राजेंद्र सिंह, शिक्षक मुख्तार, शिक्षिका उषा और तनवीर आयशा कार्यरत हैं।

आरोप है कि शिक्षिका तनवीर आयशा ने हिंदू समुदाय के बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल आने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कुछ बच्चों के माथे से तिलक पोंछवा दिया और बच्चों को चोटी नहीं रखने तथा बढ़ी हुई चोटी कटवाने की चेतावनी भी दे रही हैं। वंश, यश, प्रिंस, कृष्ण आदि कई छात्रों ने इसकी शिकायत अपने अभिभावकों से की तो उनमें रोष व्याप्त हो गया।

उधर, शिक्षिका उषा पर भी दूसरे समुदाय के बच्चों से टोपी नहीं पहन कर आने को कहने का आरोप है। वह बच्चों से स्कूल की निर्धारित ड्रेस में आने को कह रही है।

आरएसएस के खंड कार्यवाह रोहित ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की है। उन्होंने बताया कि उनकी शाखा में 50 बच्चे आते हैं, जिनमें से कुछ मुस्लिम बच्चे स्कूल में टोपी पहनकर आते हैं और उन्हें कोई समस्या नहीं होती। इसके विपरीत, हिंदू बच्चों को चोटी रखने और तिलक लगाने के लिए मना किया जाता है। रोहित ने इस असमान व्यवहार की शिकायत की है और उचित जांच की मांग की है।

बीएसए ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और विद्यालय का निरीक्षण कर जांच का आदेश दिया है। वहीं इस प्रकरण में सहायक अध्यापिका को निलंबित कर लिया गया है और साथ ही दो अध्यापकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई है। बीएसए योगेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच तत्काल प्रभाव से एबीएसए को सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक, विशेषकर मुस्लिम शिक्षक, को स्कूल में उचित ड्रेस पहनकर आना चाहिए। बीएसए ने यह भी आश्वासन दिया कि जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल में सभी छात्रों और कर्मचारियों के साथ समान व्यवहार किया जाए और किसी भी धार्मिक भेदभाव की संभावना को समाप्त किया जाए।

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