भोपाल 15 अक्टूबर। मध्य प्रदेश में रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के घर पर छापा पड़ा है। लोकायुक्त की टीम ने धर्मेंद्र भदौरिया के ग्वालियर, उज्जैन और इंदौर स्थित आवास पर छापेमारी की, जहां बड़ी संख्या में कैश के साथ सोने और चांदी के आभूषण मिले हैं।जांच अधिकारियों को धर्मेंद्र भदौरिया के घर से कई लग्जरी गाड़ियां, विदेशी मुद्राएं, प्रॉपर्टीज, फ्लैट, कैश, सोना और चांदी बरामद की है।
धर्मेंद्र भदौरिया 1987 में एसआई (आबकारी) अधिकारी बने थे और 31 अगस्त को जिला आबकारी अधिकारी के पद से रिटायर हुए थे। भदौरिया को सेवाकाल के दौरान वेतन और भत्तों के रूप में लगभग 2 करोड़ रुपए मिले थे जबकि शुरूआती जांच में ही करीब 8 करोड़ रुपए के खर्च और निवेश के सबूत सामने आए हैं। कई बैंकों में उनके नाम पर अकाउंट भी हैं। इंदौर के काउंटी वॉक इलाके में 4700 वर्गफुट जमीन पर बंगले का निर्माण हो रहा है। छापे में 5000 यूरो की विदेशी मुद्रा भी मिली है। धर्मेंद्र भदौरिया के पास इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में कई प्रॉपर्टीज मौजूद थीं।
लोकायुक्त टीम ने उनके इंदौर स्थित कैलाश कुंज अपार्टमेंट, 4 ऑफिसों, अवि ग्रीन फ्लैट और काउंटी वॉक कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान पर छापा मारा।
छापेमारी में क्या-क्या मिला?
डेढ़ किलो सोने की बार मिली।
करीब एक किलो सोने के आभूषण ।
ढाई किलो से ज़्यादा चांदी के आभूषण।
75 लाख कैश मिले हैं।
महंगी घड़ियां, परफ्यूम, साड़ियां मिली।
रिवाल्वर और रायफल भी मिली।
गुजरात तक फैला है अवैध शराब का कारोबार
धर्मेंद्र भदौरिया पर अपने समधी एके सिंह के साथ मिलकर गुजरात और मध्य प्रदेश में शराब का कारोबार करने का आरोप है। उनके समधी गुजरात में एक्टिव हैं। दोनों मिलकर बड़ी संख्या में अवैध शराब का कारोबार करते हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
लोकायुक्त की इंदौर और ग्वालियर स्थित ठिकानों पर जांच जारी है. वहीं रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के बेटे और बेटी द्वारा फिल्मों में भी पैसा लगाने की जानकारी मिली है. बेटा सूर्यांश भदौरिया फिल्म बनाने में निवेश करता था. वह किन लोगों से जुड़ा है, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक भदौरिया के सारा हिसाब-किताब उनकी पत्नी संभालती थी. भ्रष्टाचार की राशि से कहां -कहां संपत्ति खरीदनी है, इसका फैसला पत्नी ही करती थी.