asd पत्नी को बदचलन साबित करने के लिए बच्चों का नहीं कर सकते डीएनए टेस्टः हाईकोर्ट

पत्नी को बदचलन साबित करने के लिए बच्चों का नहीं कर सकते डीएनए टेस्टः हाईकोर्ट

0

प्रयागराज 27 जून। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी को बदचलन साबित करने के लिए बेटियों के डीएनए टेस्ट की मांग करने वाले डॉक्टर पति को जोर का झटका दिया है। बेटियों को गुजारा भत्ता देने के आदेश के खिलाफ दाखिल अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि पत्नी को चरित्रहीन साबित करने के लिए बच्चों का डीएनए टेस्ट नहीं करा सकते। डीएनए टेस्ट भरण पोषण से बचने का हथियार नहीं है।

न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की अदालत ने कासगंज निवासी डॉ. इफराक उर्फ मोहम्मद इफराक हुसैन की याचिका निरस्त करते हुए यह तल्ख टिप्पणी की। थाना गंजडुंडवारा क्षेत्र के डॉ. इफराक का शाजिया परवीन से 12 नवंबर 2013 को निकाह हुआ था। करीब चार साल दोनों के बीच संबंध ठीक-ठाक चले। इस बीच उन्हें दो बेटियां हुईं। 2017 में रिश्तों में दरार आ गई। शाजिया अपने मायके आ गई।

इस बीच, शाजिया ने गुजारा भत्ता की मांग को लेकर ग्राम न्यायालय पटियाली में वाद दाखिल किया। पति ने इस पर आपत्ति करते हुए पत्नी पर व्यभिचार का आरोप लगा दिया। आरोप को सिद्ध करने के लिए उसने अपनी दोनों बेटियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की। कोर्ट ने यह मांग खारिज करते हुए पत्नी को 10,000 और दोनों बेटियों को 5,000-5,000 रुपये हर महीने गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

डॉक्टर ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि डॉक्टर ने व्यक्तिगत रूप से एक बेटी का नमूना लेते हुए हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला से डीएनए टेस्ट कराया है। इसमें वह उसका जैविक पिता नहीं है। कोर्ट ने रिपोर्ट को कचरा बताते हुए कहा कि भरण पोषण से बचने के लिए डीएनए टेस्ट की नौटंकी नहीं चलेगी, क्योंकि यह रिपोर्ट याची ने अपनी व्यावसायिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए हासिल की है।

कोर्ट ने कहा, असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए कोई कोर्ट ही डीएनए जांच का आदेश दे सकती है। अगर सबको इसकी स्वतंत्रता दे दी गई तो पितृत्व को चुनौती देने के लिए भानुमति का पिटारा खुल जाएगा। सामान्य रूप से ऐसी जांच की मांग करना पत्नी और बच्चों का अपमान है। कोर्ट ने कहा कि डीएनए टेस्ट अंतिम उपाय होना चाहिए। यह पति की जिम्मेदारी है कि वह साबित करे कि शारीरिक या किसी अन्य कारण से वह पत्नी के साथ संबंध में नहीं था। वह चाहे तो अन्य सबूतों से पत्नी के चरित्रहीन होने को साबित कर सकता है, केवल डीएनए टेस्ट से नहीं।

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680