Date: 16/10/2024, Time:

धर्मबीर ने एशियाई रिकॉर्ड के साथ क्लब थ्रो में जीता गोल्ड, प्रणव को सिल्वर

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नई दिल्ली 05 सितंबर। भारतीय एथलीटों ने क्लब थ्रो में स्वर्ण और रजत जीतकर अपना दबदबा बनाया है. भारत के लिए धरमबीर ने एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए गोल्ड जीता, जबकि प्रणव सूरमा ने इसी इवेंट में सिल्वर अपने नाम किया है. चार फाउल प्रयासों के बाद, सोनीपत के 35 वर्षीय विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता ने बुधवार को पोडियम पर शीर्ष स्थान का दावा करने के लिए अपने पांचवें प्रयास में क्लब को 34.92 मीटर की दूरी तक पहुंचाया.

सूरमा, जिनके सिर पर सीमेंट की चादर गिरने से 16 साल की उम्र में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी, ने अपने पहले प्रयास में 34.59 मीटर का थ्रो किया. हालांकि, 29 वर्षीय सूरमा इसके बाद और बेहतर नहीं कर सके और दूसरे स्थान पर रहे, जिससे भारत ने एक और इवेंट में डबल पोडियम फिनिश किया. प्रतियोगिता में तीसरे भारतीय, 2017 विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता, अमित कुमार सरोहा, 23.96 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ अंतिम स्थान पर रहे. F51 क्लब थ्रो इवेंट उन एथलीटों के लिए है जिनकी धड़, टांगों और हाथों की गतिविधि काफी हद तक प्रभावित होती है.

नहर में एक गलत गोता लगाने से धरमबीर का जीवन पूरी तरह से बदल गया. इस दुर्घटना में उनके कमर से नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया. पैरा-स्पोर्ट्स ने उन्हें जीवन में एक नई दिशा दी जब उन्हें साथी पैरा-एथलीट अमित कुमार सरोहा ने इससे परिचित कराया. दो साल के अंदर ही, धरमबीर ने 2016 रियो पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया, जिससे एक सफल करियर की शुरुआत हुई. तब से उन्होंने भारत के लिए कई पदक अर्जित किए हैं, जिसमें 2022 एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक भी शामिल है.

सूरमा जब 16 साल के थे, तब एक उनके सिर पर सीमेंट की चादर गिर गई थी. इस हादस में उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थी, जिसके बाद वह लकवाग्रस्त हो गए थे. उनके परिवार के समर्थन और सकारात्मक मानसिकता ने उन्हें ध्यान और शिक्षा की ओर रुख करने में मदद की. प्रणब ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 91.2 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और बैंक ऑफ बड़ौदा में सहायक प्रबंधक के रूप में नौकरी हासिल की.

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