रामपुर 10 जून। डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को न्यायालय से राहत मिल गई है। न्यायालय ने आजम खां समेत छह लोगों को आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है। दोष मुक्त हुए अन्य लोगों में फसाहत अली खां शानू, शाहजेब खां, बरकत अली, इमरान और उनके भाई इकराम शामिल हैं। बरकत अली बरेली के रहने वाले हैं।
इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसमें तीन की पत्रावली अलग हो गई थी और एक व्यक्ति की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई। वर्ष 2019 में आजम खां पर डूंगरपुर प्रकरण के 12 मामले दर्ज हुए थे। इनमें पांच मामलों में फैसला हो चुका है। दो मामलों में आजम खां को सजा हुई थी, जबकि तीन में बरी हुए हैं।
सपा शासनकाल में पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था। इन लोगों द्वारा ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे। 12 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था।
इन मुकदमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और उनके बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाया था। इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इसमें एक मामला गुड्डू खां ने दर्ज कराया था, जिसमें नौ लोगों को नामजद किया था।
इनमें सीओ सिटी आले हसन खां (वर्तमान में सेवानिवृत्त), दारोगा फिरोज खां, जल निगम के अभियंता परवेज आलम, बरेली के थाना इज्जतनगर में ग्राम कंजा निवासी बरकत अली ठेकेदार, आजम खां के मीडिया प्रभारी रहे फसाहत अली खां शानू, मुहल्ला मछली बाजार निवासी शाहजेब खां, मुहल्ला घेर फत्ते खां टंकी नंबर पांच निवासी इमरान खां, उनके भाई इकराम खां और सज्जाद खां शामिल थे।