नई दिल्ली 03 सितंबर। देश की पहली 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर चिप बनकर तैयार हो गई है। पूरी तरह से देश में बनी यह चिप मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई। इस मौके पर मोदी ने कहा कि भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़े बदलाव का कारण बनेगी।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में सेमीकॉन इंडिया-2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में हमारी यात्रा देरी से शुरू हुई लेकिन अब कोई ताकत हमें रोक नहीं सकती। भारत बैकएंड से निकलकर पूर्ण रूप से सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है।
मोदी ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में काम कर रहे लोगों और स्टार्टअप से कहा कि वे डिजाइन आधारित प्रोत्साहन योजना व चिप-टू-स्टार्टअप कार्यक्रम का लाभ उठाएं। नोएडा, बेंगलुरु में बन रहे हमारे डिजाइन सेंटर दुनिया की आधुनिकतम चिप बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। चिप को डिजिटल डायमंड बताते हुए उन्होंने कहा, बीती शताब्दी में दुनिया का भाग्य तेल के कुंओं से तय होता था लेकिन 21वीं शताब्दी की शक्ति छोटी सी चिप में सिमट गई है।
सेमीकॉन कॉन्फ्रेंस में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर बाजार 600 अरब डॉलर का हो चुका है और आने वाले सालों में इसके एक हजार अरब डॉलर से अधिक का होने की उम्मीद है. उन्होंने भरोसा जताया कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत के आगे बढ़ने की गति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारत इस एक हजार अरब डॉलर के बाजार में अहम हिस्सेदारी हासिल करेगा.
उन्होंने बताया कि साल 2021 में सेमीकॉन भारत कार्यक्रम शुरू किया गया था. 2023 में भारत के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट को स्वीकृति दी गई. 2024 में कई और प्लांटों को स्वीकृति मिली और 2025 में पांच अन्य परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई. उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल दस सेमीकंडक्टर परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें 18 अरब डॉलर यानी 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है.
पीएम मोदी ने बताया कि सीजी पावर कंपनी के पायलट प्लांट में 28 अगस्त, 2025 को काम शुरू हो चुका है और एक अन्य पायलट प्लांट में काम जल्द ही शुरू होने वाला है. इसके अलावा, टाटा और माइक्रोन के टेस्ट चिपों का पहले से ही उत्पादन हो रहा है. उन्होंने इस क्षेत्र में भारत की प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि इस साल के अंत तक भारत में चिपों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा.
सेमीकंडक्टर चिपें आधुनिक तकनीक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. ये आकार में बहुत छोटी होने वाली चिपें, स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, संचार और रक्षा से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक की जरूरी प्रणालियों को शक्ति प्रदान करती हैं. जैसे-जैसे दुनिया और ज्यादा डिजिटल और ऑटोमेटिक होने की दिशा में आगे बढ़ रही है, आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए सेमीकंडक्टर चिपें बेहद जरूरी हो गई हैं.