asd योगी सरकार ने 12 हजार 909 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया, औद्योगिक विकास के लिए सर्वाधिक आवंटन

योगी सरकार ने 12 हजार 909 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया, औद्योगिक विकास के लिए सर्वाधिक आवंटन

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लखनऊ 30 जुलाई। उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने विधानसभा में 12 हजार 909 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया है। अनुपूरक बजट का आकार मूल बजट का 1.6 प्रतिशत है। बजट में सर्वाधिक 7518 करोड़ रुपये औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किया गया है।
बजट- 12909 करोड़ 93 लाख रुपये
राजस्व लेखा व्यय – 4 हजार 227.94 करोड़ रुपये
पूंजी लेखा व्यय – 7,981.99 करोड़ रुपये
प्रस्तावित अनुपूरक बजट का आकार इस वर्ष के मूल बजट का 1.66% है.
औद्योगिक विकास – ₹7500.18 करोड़
ऊर्जा विभाग – ₹2000 करोड़
परिवहन विभाग – ₹1000 करोड़
नगर विकास विभाग(अमृत योजना सहायतार्थ)- ₹600 करोड़
उप्र कौशल विकास -₹200 करोड़
ग्रामीण स्टेडियम ओपन जिम के लिए- ₹100 करोड़
माध्यमिक शिक्षा विभाग (284 राजकीय इंटर कॉलेजों में लैब के लिए) 28.40 करोड़ रुपये, 1040 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में ICT लैब हेतु ₹66.82 करोड़
संस्कृति विभाग- ₹74.90 करोड़
अटल आवासीय विद्यालय स्थापना हेतु – 53.15 करोड़ व ₹2.79 करोड़
रोजगार मिशन -₹49.80 करोड़
विधानसभा सचिवालय में डाटा सेंटर नवीनीकरण हेतु -₹3.25 करोड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला सुरक्षा के प्रति पूरी तरह गंभीर है। यही कारण है कि सरकार ने सत्ता में आते ही एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया था और सबसे पहले इसका विरोध सपा ने ही किया था। उन्होंने कहा कि महिला और बाल अपराध निस्तारण में प्रदेश पहले नंबर पर है। प्रदेश के अंदर एक महिला थाना हर जनपद में स्थापित करने के साथ-साथ एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराया है। 2020 से हमारी सरकार प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ा रही है। मिशन शक्ति के अतंर्गत पिछले 7 वर्षों में हम लोगों ने करीब डेढ़ लाख पुलिस कर्मी की भर्ती की है। 2017 से पहले कुल 10,000 महिला पुलिस भर्ती हुई थी। 2017 से 2023 तक जो भर्तियां हुई हैं उसमें 20,000 महिला पुलिस की भर्ती हुई है। यानि आजादी के 70 वर्षों में जितनी भर्ती हुई उससे दोगुनी भर्ती पिछले 5 वर्षों में हुई है…ये सरकार महिला के सुरक्षा के प्रति गंभीर है।

वहीं, इस बार सीएम योगी ने कहा कि रसोईयों को सपा सरकार में सिर्फ 500 रूपये का मानदेय मिलता था. 2022 में हमारी सरकार ने रसोईयों का मानदेय बढाकर 2 हजार किया। इन सभी ने कोरोना कालखंड में अपनी सेवाओं के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक परिवार तक पहुंचाने में अभिनंदनीय काम किया है। यही वजह है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री हों या आंगनबाड़ी सहयोगी हों, इन सबके मानदेय में वृद्धि भी की है और इन्हें टैबलेट से आच्छादित करने के साथ साथ अतिरिक्त आय का प्रावधान भी किया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सचिवालय का निर्माण किया है। इसका उद्देश्य ये है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गांव को ही स्वावलंबी बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार किया जा सके। वहां पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में पंचायत सहायक रखा गया है। बीसी सखी रखी गई है, जो गांव के अंदर बैंकिंग लेनदेन का कार्य करती है। हमने 6 महीने के लिए उन्हें एक निश्चित मानदेय के साथ जोड़ा, लेकिन जब बैंक से उनका कमीशन बन गया तो वह अच्छी आय अर्जित कर रही हैं।

सुल्तानपुर की एक बीसी सखी अब तक साढ़े 15 लाख रुपए से अधिक का कमीशन प्राप्त कर चुकी है। पंचायत सहायक को भी हम 6 हजार रुपए प्रतिमाह देते हैं। साथ ही जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और खतौनी की नकल और अन्य सभी योजनाओं को जिनकी वह ऑनलाइन सर्विस उपलब्ध करा रहा है एक अतिरिक्त आय भी होती है।
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