लखनऊ 28 अगस्त। कैबिनेट ने प्रदेश की डिजिटल मीडिया नीति को मंजूरी दे दी है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस नीति को लेकर पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम व यूट्यूब पर सरकार की योजनाओं व उपलब्धियों से संबंधित सामग्री प्रसारित करने के लिए विज्ञापन दिए जाने की व्यवस्था बनाई गई है।
एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम व यू ट्यूब के खाता धारकों को सब्सक्राइबर्स (ग्रहकों) व फालोअर्स (अनुयायियों) के आधार पर चार श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। सरकार इन्हें सूची बद्ध कर विज्ञापन देगी। नीति के अनुसार एक्स, फेसबुक व इंस्टाग्राम के खाता धारकों व इंफ्लूएंसरों चार श्रेणियों के हिसाब से पांच, चार, तीन व दो लाख रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
इसी प्रकार यूट्यूब पर वीडियो, शार्टस व पॉडकास्ट के लिए खाता धारकों को चार श्रेणियों के हिसाब से आठ, सात, छह व चार लाख रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि आपत्तिजनक, अभद्र व अश्लील तथा राष्ट्र विरोधी सामग्री परोसने पर संबंधित खाता धारक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक नई सोशल मीडिया नीति को मंजूरी दे दी है, जिसमें देश विरोधी सामग्री पोस्ट करने वाले सोशल मीडिया यूजर्स को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बताने वालों को 8 लाख रुपये तक का विज्ञापन भी दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार एक नई सोशल मीडिया नीति लेकर आई है, जिसमें आपत्तिजनक पोस्ट करने पर तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही डिजिटल एजेंसी के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने की भी व्यवस्था की गई है। कैबिनेट बैठक में सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है।
सरकार ने राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के आधार पर सामग्री वीडियो या रील बनाने वाली एजेंसियों और फर्मों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और ट्विटर पर विज्ञापन देने का भी निर्णय लिया है।