लखनऊ 10 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं को बड़ी राहत देने की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने शुक्रवार को हुई स्टांप एवं निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिलाओं के नाम होने वाली 1 करोड़ रुपये तक की रजिस्ट्री पर एक प्रतिशत स्टांप शुल्क में छूट देने के प्रस्ताव पर विचार किया जाए. वर्तमान में यह छूट केवल 10 लाख रुपये तक की रजिस्ट्री पर लागू है. अगर यह निर्णय अमल में आता है तो लाखों महिलाओं को घर या जमीन खरीदने में आर्थिक राहत मिलेगी और महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्किल रेट तय करते समय किसी इलाके के विकास, शहरीकरण और वहां मौजूद सुविधाओं को भी ध्यान में रखा जाए. उन्होंने कहा कि एक जैसे इलाकों में रेट में भारी अंतर नहीं होना चाहिए, जिससे आम आदमी को नुकसान न हो. साथ ही रजिस्ट्री से पहले भूमि के दस्तावेजों और मालिक की जांच अनिवार्य करने का निर्देश भी दिया गया है. इससे फर्जीवाड़े और जमीन विवादों में कमी आएगी.
खबर के मुताबिक, पहले उत्तर प्रदेश में महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी में छूट की सीमा 10 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी तक के लिए थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पैतृक संपत्तियों के विभाजन और रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकतम 5,000 रुपये का शुल्क लगाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने एक समान सर्किल दरों, रजिस्ट्रेशन से पहले जरूरी दस्तावेज सत्यापन और सरल प्रक्रिया के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
सेवाओं को डिजिटल बनाने का भी निर्देश
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रजिस्ट्री कार्यालय के बुनियादी ढांचे में सुधार करने और सभी सार्वजनिक सेवाओं को डिजिटल बनाने का भी निर्देश दिया। उत्तर प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी एक ऐसा टैक्स है जिसका पेमेंट प्रॉपर्टी के लेनदेन को रजिस्टर करते समय अनिवार्य रूप से चुकाना होता है। उत्तर प्रदेश में हर प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन के लिए स्टाम्प ड्यूटी अलग-अलग होती है। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने रक्त संबंधियों के बीच संपत्ति के लेन-देन के मामले में इन शुल्कों पर बड़ी राहत प्रदान की है। इससे उत्तर प्रदेश के लोगों को भारी वित्तीय बोझ से राहत मिली है।
यूपी में स्टाम्प ड्यूटी जेंडर और डीड प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती है। स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना जरूरी है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि लेन-देन कानूनी है। यूपी में स्टाम्प ड्यूटी संपत्ति के बाजार मूल्य या सर्किल मूल्य, जो भी अधिक हो, का 5% से 7% तक होती है।
इस बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश के 45 जिलों में सर्किल रेट का पुनरीक्षण पूरा हो चुका है, बाकी 30 जिलों में काम जारी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्किल रेट पुनरीक्षण तार्किक तरीके से किया जाए ताकि लोगों को उसका सही लाभ मिले.
मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्री कार्यालयों की दशा सुधारने पर भी जोर दिया. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी दफ्तरों में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्याप्त स्टाफ, सीसीटीवी कैमरे और अन्य सुविधाएं हों. साथ ही कहा कि विभाग से जुड़ी सभी सेवाएं जैसे ई-पेमेंट, ऑनलाइन स्टांप जनरेशन, विवाह प्रमाण पत्र डिजीलॉकर में, संपत्ति भारमुक्त प्रमाणपत्र, कृषि बंधक विलेखों की ई-फाइलिंग आदि पूरी तरह ऑनलाइन की जाएं ताकि लोगों को दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें. योगी सरकार की यह पहल राज्य में डिजिटल प्रशासन और जनहित के फैसलों को मजबूती देने वाला कदम है. इससे आम जनता, खासकर महिलाओं और ग्रामीण परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा.