asd महिला का किया गलत ऑपरेशन, डॉक्टर ने पति को दी धमकी, अब देना होगा 40 लाख हर्जाना

महिला का किया गलत ऑपरेशन, डॉक्टर ने पति को दी धमकी, अब देना होगा 40 लाख हर्जाना

0

लखनऊ 15 मई। पेट दर्द में गलत आपरेशन से महिला हालत इतनी गंभीर हो गई कि जान जाते जाते बची। लाखों रुपये खर्च हो गए। पति ने डाक्टर को विधिक नोटिस भेजा तो फौजदारी के मामले में फंसाने की धमकी दी गई। इस पर उन्होंने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आयोग के सदस्य राजेन्द्र सिंह और विकास सक्सेना ने डाक्टर को अलग-अलग मदों में 25 लाख 25 हजार रुपये हर्जाना भरने का आदेश दिया। वर्ष 2018 से 12 फीसदी ब्याज सहित ये राशि करीब 40 लाख रुपये होगी।

एक खबर के मुताबिक अयोध्या के अमानीगंज निवासी हनुमान प्रसाद से मामला जुड़ा है। उनकी पत्नी मालती देवाी को पेट दर्द महसूस हुआ। उन्होंने मालती देवी को सुनीता हेल्थ केयर सेंटर की मालिक डॉ. सुनीता सिंह को दिखाया। डॉ. सुनीता ने तत्काल ऑपरेशन की बात कहकर दो लाख रुपये जमा करवा लिए। छह दिन अस्पताल में रहने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ। बताया जाता है कि इतने दिनों में उनका घाव भी नहीं भरा। इस पर डाक्टर ने एक और ऑपरेशन के नाम पर सात लाख रुपये जमा करा लिए। 4 जून 2018 को दूसरा ऑपरेशन भी असफल रहा। पत्नी की हालत अत्यंत गंभीर हो गई लेकिन डॉ. सुनीता सिंह इलाज के बजाय देहरादून चली गई।
हालत में सुधार होते नहीं देख परिजन मालती को लखनऊ के मेयो हॉस्पिटल ले गए। वहां बताया गया कि गलत ऑपरेशन होने के कारण मल और यूरिन का गलत रास्ता बन गया है और उसका रिसाव ऑपरेशन वाले घाव के पास होने लगा। मेयो हॉस्पिटल में इलाज पर पांच लाख रुपये और खर्च हुए। मेयो हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने पर डॉ. सुनीता सिंह को सारी बातें बताई लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही धनराशि की रसीद दी।
जब कहीं से समाधान नहीं निकला तो हनुमान प्रसाद ने डॉ. सुनीता को लीगल नोटिस भेज दिया। खबर के मुताबिक लीगल नोटिस से नाराज होकर डॉक्टर ने फौजदारी के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।

इसके बाद मालती के पति ने राज्य उपभोक्ता आयोग की शरण ली। आयोग के सदस्य राजेन्द्र सिंह और विकास सक्सेना ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। आयोग ने यह पाया कि डॉक्टर द्वारा लापरवाही की और चिकित्सीय उपेक्षा बरती। ‘परिस्थितियां स्वयं बोलती हैं’ का सिद्धांत इस केस पर लागू होता है। गर्भाशय का ऑपरेशन करते समय डॉक्टर ने लापरवाही से इंटेस्टाइन को पंक्चर कर दिया। इस वजह से इंटेस्टाइनल परफोरेशन की समस्या उत्पन्न हुई और घाव से मल आना शुरू हो गया। यह चिकित्सीय लापरवाही का मामला है। इस मामले में डा. सुनीता सिंह और उनके अस्पताल को दोषी पाया गया।

आयोग ने अस्पताल के विरुद्ध आदेश पारित किया गया कि वह मालती को 15 लाख रुपये अदा करे। साथ ही इस रकम पर चार जून 2018 से 12 फीसदी सालाना ब्याज भी दे। यह रकम 30 दिन के अंदर मालती देवी को अदा करना होगा। इसके अलावा, चिकित्सीय लापरवाही और मानसिक पीड़ा के एवज में 10 लाख रुपये देने का आदेश दिया गया। इस पर भी 4-06-2018 से 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। अस्पताल को मुकदमे पर हुए खर्च के रूप में भी 25,000 रुपये चुकाने का आदेश दिया गया। इस राशि पर भी ब्याज चुकाना होगा।

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680