नई दिल्ली 29 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन के प्रमोशन की सिफारिश की। वे ऑल इंडिया सीनयॉरिटी लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं और दिल्ली हाईकोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं। सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 34 पदों में से 2 पद अभी खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की यह पहली कॉलेजियम बैठक थी। कॉलेजियम में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एएस ओका शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने एकमत से यह प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा है। चीफ जस्टिस खन्ना के अलावा कलिजियम में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एएस ओका शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की स्वीकृत संख्या 34 है, जिसमें चीफ जस्टिस भी शामिल हैं। फिलहाल चीफ जस्टिस समेत 32 जज कार्यरत हैं। हाल ही में जस्टिस हीमा कोहली और चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हुए हैं, जिसके बाद दो पद खाली हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने कहा है कि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और अन्य सीनियर जस्टिस के नामों पर चर्चा की गई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर नियुक्ति के लिए इन नामों पर विचार किया गया। भारत में वरीयता सूची में जस्टिस मनमोहन का नाम दूसरे नंबर पर है, जबकि दिल्ली हाई कोर्ट में वे सबसे सीनियर जस्टिस हैं। इसके अलावा, देश भर के प्रतिनिधित्व में दिल्ली हाई कोर्ट के केवल एक ही जस्टिस सुप्रीम कोर्ट में हैं।
जस्टिस मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर, 1962 को दिल्ली में हुआ था। वे जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा के बेटे हैं। जस्टिस मनमोहन ने हिंदू कॉलेज से इतिहास में BA (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने 1987 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ सेंटर से LLB किया है।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत से की थी। इस दौरान उन्होंने सिविल, क्रिमिनल, कॉन्सटिट्यूश, टैक्सेशन, ट्रेडमार्क और सर्विस के मुकदमों में पैरवी की। इसमें दाभोल पावर कंपनी, हैदराबाद निजाम ज्वेलरी ट्रस्ट, क्लैरिजेस होटल विवाद, मोदी परिवार, गुजरात अंबुजा सीमेंट के सेल्स टैक्स मामले और फतेहपुर सीकरी अतिक्रमण जैसे हाई प्रोफाइल केस शामिल हैं।
जस्टिस मनमोहन दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में भारत सरकार के लिए वरिष्ठ पैनल एडवोकेट के रूप में भी काम कर चुके हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2003 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था।
जस्टिस मनमोहन को मार्च, 2008 में दिल्ली हाईकोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया और दिसंबर, 2009 में परमानेंट जज के रूप में प्रमोशन दिया गया। वे 9 नवंबर, 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस बने और 29 सितंबर, 2024 को चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए। राष्ट्रपति की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। वह 16 दिसंबर 2027 तक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में कार्य करेंगे। जस्टिस मनमोहन प्रसिद्ध ब्यूरोक्रेट और नेता दिवंगत जगमोहन के पुत्र हैं, जो दिल्ली के एलजी और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रह चुके हैं।