बुलंदशहर 29 अप्रैल। बुजुर्गों को अपने घर-मकान और विरासत से बेहद लगाव होता है. बुजुर्ग इसके लिए किसी भी हद से गुजर सकते हैं. ऐसा ही मामला बुलंदशहर में देखने को मिला. बीसा कॉलोनी निवासी बुजुर्ग दंपत्ति ने रविवार की देर रात एक-दूसरे का हाथ पकड़ एक साथ आत्महत्या कर ली. दोनों बेटे के बुलंदशहर का मकान बेचने से नाराज थे. बुजुर्ग की शर्ट की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है.
कोतवाली देहात क्षेत्र के काहिरा गांव निवासी बिसन शर्मा (70) रोडवेज से 10 साल पहले रिटायर हुए थे. वह पत्नी हरवती (65) के साथ गांव में ही रहते थे. उनका बेटा सुशील शर्मा शहर की बीसा कॉलोनी में पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा है. एक साल पहले सांड़ ने टक्कर मार दी थी, जिससे बिसन शर्मा का कूल्हा टूट गया था. इसके बाद सुशील माता-पिता को बुलंदशहर अपने घर ले आया था.
कुछ दिन पहले सुशील ने बीसा कॉलोनी वाला मकान बेचकर गाजियाबाद में मकान खरीद लिया. सुशील अपने परिवार और माता-पिता को भी गाजियाबाद ले जाना चाहता था, लेकिन माता-पिता गाजियाबाद जाने को तैयार नहीं थे. इसी को लेकर माता-पिता और बेटे के बीच कई दिन से विवाद चल रहा था.
बताया गया कि मकान पर कुछ सामान रखने के लिए सुशील पत्नी के साथ गाजियाबाद चला गया. बेटे के जाने के बाद बिसन शर्मा पत्नी हरवती को लेकर ई-रिक्शा से मऊखेड़ा डीएफसीसी स्टेशन पर पहुंचे. प्रत्यक्षदर्शियों कहना है कि यहां दोनों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर आत्महत्या कर ली.
जीआरपी की तलाशी के दौरान बिसन शर्मा की शर्ट की जेब से सुसाइड नोट मिला. जीआरपी थाना प्रभारी संजीव कुमार का कहना है कि सुसाइड नोट में दंपत्ति ने बेटे पर आरोप लगाए हैं. सुसाइड नोट में लिखा है कि बेटा सुशील शर्मा, बहू अनीता और पोता-बीती 18 मार्च को हम दोनों को मारने के लिए दौड़े. गालियां दीं. पूर्व में बेटे सुशील शर्मा को दिए गए 31 लाख 60 हजार रुपये व सोने की चीजें मांगी तो देने से मना कर दिया और अपने घर से भाग जाने के लिए कहा. इससे हम जान दे रहे हैं.
थाना प्रभारी ने बताया कि दंपत्ति ने बेटे, बहू और पोते के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है. लिखा है कि बैंक में जमा धनराशि छोटे भाई शंभू व मेरी बहन बिशनदेई को दे दी जाए. अगर ये न लें तो पुलिस रक्षा कोष में जमा कर दी जाए. वहीं सुशील ने बातचीत में आरोप से इंकार किया है. मुकदमा दर्ज कर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.