नई दिल्ली 21 मई। आम को फलों का राजा कहा जाता है. क्योंकि इस फल का स्वाद मीठा, रसीला और मनमोहक है. इसकी अनोखी सुगंध इसे अन्य फलों से अलग बनाती है. आम की सैकड़ों किस्में होती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा स्वाद, आकार और रंग होता है. प्रचंड गर्मियों के बीच आमों से लदे पेड़ एक अलग ही अहसास कराते हैं. भारत आमों की एक हजार से अधिक किस्मों का घर है. हालांकि उन सभी का स्वाद चखना असंभव काम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की और भारत की सबसे महंगी आम की किस्म कौन सी हैं?
कोहितूर आम अपने अनूठे रंग और बनावट के कारण एक दुर्लभ किस्म है. कहा जाता है कि आम की यह किस्म 18वीं शताब्दी में बागवानी विशेषज्ञ हकीम अदा मोहम्मदी द्वारा विशेष रूप से नवाब सिराज-उद-दौला के लिए बनाई गई थी. मूल रूप से शाही परिवारों के लिए आरक्षित, यह आम विलुप्त हो चुके कलोपहार और एक अन्य किस्म का मिश्रण है. मुख्य रूप से बंगाल के मुर्शिदाबाद में उगाए जाने वाले इस किस्म के एक आम की कीमत 3000 से 12,000 रुपये तक हो सकती है.यह भारत का सबसे महंगा आम है.
मूल रूप से पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र से आने वाले, सिंदरी आम अपनी मिठास और सुगंध स्वाद के लिए फेमस हैं. चिकनी, चमकदार पीली त्वचा वाले ये बड़े आम भारत और पाकिस्तान दोनों में पसंद किए जाते हैं. सिंध की उपजाऊ मिट्टी और गर्म जलवायु को उनके विशिष्ट स्वाद को बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एक सिंदरी आम की कीमत 3,000 रुपये तक हो सकती है.
अल्फांसो आम, जिसे अक्सर ‘आमों का राजा’ कहा जाता है, पश्चिमी भारत के तटीय क्षेत्रों में फलता-फूलता है. अल्फांसो का छिलका सुनहरी-नारंगी रंग का होता है. इसका गूदा एकदम रेशे रहित स्वादिष्ट होता है. अल्फांसो आम की सबसे अधिक बिकने वाली किस्म है. पीक सीजन के दौरान अल्फांसो की कीमतें 1,500 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाती हैं.
नूरजहां आम, आम साम्राज्य का एक रत्न है, जो अपने शाही स्वाद के लिए प्रतिष्ठित है. ऐसा माना जाता है कि यह आम अफगानिस्तान से गुजरात तक आया था और इसका नाम एक मुगल रानी के नाम पर है. यह अपने बड़े आकार के लिए जाना जाता है. कुछ की लंबाई एक फुट तक होती है. नूरजहां आम विलासिता का प्रतीक है. उत्पादन में सीमित और मुख्य रूप से गुजरात में खपत होने के कारण, आकार और मौसम के आधार पर कीमतें 1,000 रुपये प्रति पीस तक पहुंच जाती हैं.