गाजियाबाद, 05 फरवरी। 10 वर्ष पूर्व दादरी कंटेनर डिपो में सीज किए माल को छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने के दोषी तत्कालीन उप आयुक्त (सीमा शुल्क) शशिकांत, रिश्वत देने के दोषी कंपनी मालिक नरेंद्र चुघ, मध्यस्थ सतीश गुप्ता को विशेष सीबीआई कोर्ट ने 4-4 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। उप आयुक्त की पत्नी श्वेता को दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। अदालत के विशेष न्यायाधीश परमेंद्र कुमार ने चारों दोषियों पर 52 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसमें शशिकांत पर 24, नरेंद्र और सतीश गुप्ता पर 12-12 और श्वेता पर चार लाख का जुर्माना लगाया है।
सीबीआई के अनुसार नरेंद्र कुमार चुघ ने दादरी स्थित इंटरनेशनल कंटेनर डिपो (आईसीडी) में सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त की गई अपनी कंपनी के टायरों की खेप जारी करने के लिए मध्यस्थ व्यक्ति सतीश गुप्ता से संपर्क किया। सतीश ने कंपनी की जब्त की गई खेप जारी कराने के लिए डिपो में कार्यरत तत्कालीन उपायुक्त शशिकांत से संपर्क किया। शशिकांत ने टायरों की खेप जारी करने के लिए सतीश गुप्ता के माध्यम से नरेंद्र कुमार चुघ से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
सीबीआई ने तीनों की बातचीत को सर्विलांस निगरानी पर लगा रखा था। रिश्वत की धनराशि शशिकांत के नोएडा स्थित आवास पर देने की बात तय हुई। 29 नवंबर 2013 को सीबीआई ने जाल बिछाते हुए नरेंद्र कुमार चुघ को शशिकांत की पत्नी श्वेता को पांच लाख रुपये लेते हुए पकड़ लिया। आवास और कार्यालय की तलाशी के बाद शशिकांत, नरेंद्र कुमार चुघ और मध्यस्थ सतीश गुप्ता को 30 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद सीबीआई ने 29 जनवरी 2014 को आरोप पत्र दायर किया गया। विचारण के दौरान, सीबीआई ने अदालत में कई दस्तावेजों के साथ अभियोजन पक्ष के 31 गवाहों के बयान दर्ज कराए।